'आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता...', मालेगांव ब्लास्ट केस में जस्टिस लाहोटी की बड़ी टिप्पणी

जस्टिस एके लाहोटी ने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता क्योंकि कोई भी धर्म हिंसा की वकालत नहीं करता. यह कहकर अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया. विश्वसनीय सबूतों के अभाव में सातों आरोपियों को बरी किया गया.

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मालेगांव ब्लास्ट केस में सभी सातों आरोपियों को बरी कर दिया गया है. (Photo: File Photo) मालेगांव ब्लास्ट केस में सभी सातों आरोपियों को बरी कर दिया गया है. (Photo: File Photo)

विद्या

  • मुंबई,
  • 31 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 11:59 AM IST

मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने 2008 के मालेगांव बम धमाके मामले में सभी सातों आरोपियों को बरी कर दिया है. आरोपियों में पूर्व बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, सुधाकर चतुर्वेदी, रिटायर्ड रमेश उपाध्याय शामिल थे. इस दौरान फैसला सुनाते हुए स्पेशल जज लाहोटी ने बड़ी टिप्पणी की है.

जस्टिस एके लाहोटी ने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता क्योंकि कोई भी धर्म हिंसा की वकालत नहीं करता. यह कहकर अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया. विश्वसनीय सबूतों के अभाव में सातों आरोपियों को बरी किया गया.

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जस्टिस लाहोटी ने कहा कि सिर्फ संदेह के आधार पर मामले को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता. अभियोजन पक्ष आरोपों को संदेह से परे साबित करने में असफल रहा है. यह समाज के खिलाफ एक गंभीर घटना थी लेकिन केवल नैतिकता के आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता. 

अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड में ऐसा कोई सबूत नहीं है, जिससे यह सिद्ध हो सके कि कर्नल पुरोहित आरडीएक्स लाए थे या बम को असेंबल किया गया था. इसके भी पुख्ता सबूत नहीं हैं कि अपराध में इस्तेमाल बाइक साध्वी प्रज्ञा का था. घटना के बाद किसने पथराव किया और पुलिसकर्मी की बंदूक किसने छीनी. इसका भी कोई स्पष्ट प्रमाण मौजूद नहीं है. 

बता दें कि 29 सितंबर 2008 को मालेगांव के भीकू चौक पर एक दोपहिया वाहन में बम विस्फोट हुआ था, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई और 101 लोग घायल हुए थे. मृतकों में फरहीन उर्फ शगुफ्ता शेख लियाकत, शेख मुश्ताक यूसुफ, शेख रफीक मुस्तफा, इरफान जियाउल्लाह खान, सैयद अजहर सैयद निसार और हारून शाह मोहम्मद शाह शामिल थे.

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