'स्वतंत्रता संग्राम के नायक' हेडगेवार को मिले भारत रत्न, BJP नेता जमाल सिद्दीकी ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस दिन आरएसएस की उपलब्धियों को लेकर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने वाले हैं, उसी दिन भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर संघ संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को भारत रत्न देने की मांग उठाई है.

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भारत रत्न के हकदार हैं RSS संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार: जमाल सिद्दीकी (Photo: AI-Generated) भारत रत्न के हकदार हैं RSS संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार: जमाल सिद्दीकी (Photo: AI-Generated)

पीयूष मिश्रा

  • नई दिल्ली ,
  • 01 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 11:15 AM IST

1925 में नागपुर में आरएसएस की स्थापना करने वाले डॉ. हेडगेवार के योगदान को 100 साल बाद भी याद किया जा रहा है. शताब्दी वर्ष के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष डाक टिकट और सिक्का जारी किया, और संघ के काम को 'राष्ट्र निर्माण का मार्ग' बताया.

जिस दिन प्रधानमंत्री आरएसएस की उपलब्धियों को उजागर करने वाले स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी कर रहे हैं. इसी बीच भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रमुख जमाल सिद्दीकी ने भारत के राष्ट्रपति को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को भारत रत्न देने की मांग की है.

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जमाल सिद्दीकी ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में उन्होंने हेडगेवार को स्वतंत्रता सेनानी और देशभक्त बताते हुए कहा कि उन्हें भारत रत्न मिलना चाहिए.ये मांग ऐसे समय पर की गई है जब प्रधानमंत्री आरएसएस की उपलब्धियों पर आधारित स्मारक टिकट और सिक्का जारी करने वाले हैं. पत्र में लिखा गया है कि स्वतंत्रता सेनानी और आरएसएस संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार भारत रत्न के हकदार हैं.

संघ के 100 साल पूरे 

1925 में नागपुर से शुरू हुआ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अब सौ साल पूरे करने जा रहा है. इस खास मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे नदी अपने रास्ते में बहते हुए किनारे के गांवों को हरियाली और समृद्धि देती है, वैसे ही संघ ने समाज के अलग-अलग क्षेत्रों में अपना योगदान दिया है. जैसे नदी की कई धाराएं अलग-अलग जगहों को पोषित करती हैं, वैसे ही संघ की हर शाखा समाज के विभिन्न हिस्सों में लगातार काम कर रही है. शाखाएं अलग-अलग हो सकती हैं, लेकिन उनमें कभी टकराव नहीं होता क्योंकि हर शाखा का मकसद और भावना एक जैसी है, वो है राष्ट्र सर्वोपरि.

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प्रधानमंत्री ने भी की थी तारीफ 

पीएम मोदी ने हाल ही में 'मन की बात' में भी संघ और हेडगेवार का जिक्र किया था. उन्होंने कहा कि आज़ादी से पहले जब देश पहचान और आत्मविश्वास के संकट से गुजर रहा था, तब संघ ने लोगों में आत्मसम्मान जगाया. संघ खुद को एक सांस्कृतिक-सामाजिक संगठन मानता है और इसके स्वयंसेवक सेवा, अनुशासन और समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाने के लिए जाने जाते हैं.

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