केरल स्थानीय निकाय चुनाव परिणामों के बाद कई इलाकों में हिंसा, आपस में भिड़े UDF और CPI(M) के कार्यकर्ता

केरल में स्थानीय निकाय चुनावों के परिणाम 13 दिसंबर को घोषित होने के बाद कई हिंसक घटनाएं दर्ज की गईं. पुलिस ने बताया कि ये घटनाएं खासकर उत्तरी जिलों में हुईं, जहां UDF और CPI(M) के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए. कोझिकोड में एक कांग्रेस कार्यालय में तोड़फोड़ की गई, जिसमें इंदिरा गांधी की प्रतिमा को भी नुकसान पहुंचा.

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केरल के स्थानीय निकाय चुनाव परिणाम के बाद हिंसा. (Photo: PTI) केरल के स्थानीय निकाय चुनाव परिणाम के बाद हिंसा. (Photo: PTI)

aajtak.in

  • कोझिकोड,
  • 15 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:19 AM IST

केरल में 13 दिसंबर को घोषित स्थानीय निकाय चुनाव परिणामों के बाद राज्य के कई हिस्सों, खासकर उत्तरी जिलों में हिंसा की घटनाएं सामने आईं.

पुलिस ने रविवार को बताया कि कांग्रेस नीत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) की व्यापक जीत और सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) की हार के बाद मुख्य रूप से CPI(M) और UDF कार्यकर्ताओं के बीच झड़पें हुईं. अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को तैनात करके और औपचारिक शिकायतें दर्ज करके हिंसा को नियंत्रित किया गया.

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कई इलाकों में हिंसक झड़प

पुलिस ने बताया कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इंदिरा गांधी भवन पर कथित तौर पर CPI(M) कार्यकर्ताओं पर हमला करने का आरोप लगाया है, जिससे एरामाला में शनिवार रात भर तनाव का माहौल बना रहा.

एडाचेरी पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR के अनुसार, लगभग 200 लोगों ने हथियारों के साथ मार्च निकाला और बिल्डिंग में तोड़फोड़ की, जिससे लगभग पांच लाख रुपये का नुकसान होने का अनुमान है.

पुलिस ने बताया कि हमले में दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की प्रतिमा को भी नुकसान पहुंचा है. इसके तुरंत बाद यूडीएफ कार्यकर्ता घटनास्थल पर जमा हो गए, जिससे स्थिति और भी बिगड़ गई. हालांकि, अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर स्थिति नियंत्रित की गई.

पुलिस ने बताया कि मराड में एक और हिंसक घटना की सूचना मिली है, जहां  UDF के विजय जुलूस पर हुई कथित तौर पर पत्थरबाजी, जिससे कई लोग घायल हो गए.

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40 CPI (M) कार्यकार्ताओं ने किया हमला

एक अधिकारी ने बताया कि वायनाड जिले के सुल्तान बाथरी में UDF कार्यकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों को ले जा रही एक कार पर लगभग 40 CPI (M) कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर हमला किए जाने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है. अलग घटना में UDF कार्यकर्ताओं पर पटाखे फोड़ने का विरोध करने वाले CPI(M) कार्यकर्ता पर हमले का आरोप है.

मुस्लिम लीक कार्यकर्ताओं के घर पर हमला

कन्नूर के पनूर में मुस्लिम लीग कार्यकर्ताओं के घरों पर कथित तौर पर CPI(M) कार्यकर्ताओं ने हमला किया और घरों के आसपास खड़ी गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचा है.
पुलिस ने बताया कि ये हिंसा तब भड़की जब CPI(M) कार्यकर्ताओं ने तलवार और खंजर लेकर UDF की विजय रैली रोक दिया. इस हिंसा में कुछ UDF नेता घायल हो गए हैं.

UDF-LDF कार्यकर्ताओं के बीच झड़प

कन्नूर जिले के उलिक्कल में UDF और LDF कार्यकर्ताओं के बीच झड़पों की भी खबरें आईं. हालांकि, उलिक्कल पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस के हस्तक्षेप से रात में स्थिति नियंत्रण में आ गई.

कासरगोड के बेदाकोम में LDF की विजय जुलूस के दौरान UDF कार्यकर्ताओं को रोका गया, हस्तक्षेप करने वाले पुलिसकर्मियों को मामूली चोटें आईं.

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CPI(M) और BJP कार्यकर्ताओं के बीच झड़प

तिरुवनंतपुरम जिले के नेय्याट्टिनकारा में भी इसी तरह की हिंसा की खबरें आईं, जहां CPI(M) और BJP कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई. पुलिस ने बताया कि दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं को मामूली चोटें आईं और उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया.

UDF उम्मीदवार के घर पर फेंके गए बम

उधर, विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने आरोप लगाया कि कन्नूर के पय्यानूर में CPI(M) कार्यकर्ता ने महात्मा गांधी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किया, नाक और चश्मा तोड़ा. UDF के चुनाव कार्यालय को भी तोड़फोड़ का शिकार बनाया गया. CCTV फुटेज में UDF उम्मीदवार के घर पर बम फेंके जाने की घटना सामने आई हैं.

सतीशान ने कहा कि मुख्यमंत्री और सीपीआई (एम) के राज्य सचिव के गृह जिले में गांधी प्रतिमा का अपमान संघ परिवार की विचारधारा को दर्शाता है.

उन्होंने कहा कि गृह विभाग संभालने वाले मुख्यमंत्री को पार्टी कार्यकर्ताओं के रूप में छिपे अपराधी गिरोहों पर लगाम लगानी चाहिए. पुलिस प्रमुख सख्त कार्रवाई करें.

उन्होंने UDF कार्यकर्ताओं की रक्षा की प्रतिबद्धता जताई और चेतावनी दी कि अगर सरकार ने निर्णायक कदम नहीं उठाए तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.

शिकायतें मिलने पर दर्ज होंगे मामले

पुलिस ने आगे कहा कि औपचारिक शिकायतें मिलने के बाद मामले दर्ज किए जाएंगे. संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त बल तैनात किया गया है. ये हिंसा 2026 विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक तनाव को उजागर करती है.

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