बीजेपी सांसद कंगना रनौत को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा. कोर्ट ने कंगना की उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है, जिसमें उन्होंने 2021 के किसान आंदोलन में एक महिला प्रदर्शनकारी के खिलाफ किए गए विवादास्पद ट्वीट से जुड़े मानहानि मामले को खारिज करने की मांग की थी. इसके बाद कंगना ने अपनी याचिका वापस ले ली.
मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि हम आपकी ट्वीट पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, इससे ट्रायल पर असर पड़ेगा. ये कई साधारण रिट्वीट नहीं था. इसमें आपकी टिप्पणी भी शामिल थी. आपने इसमें मसाला जोड़ा था.
कोर्ट ने पूछा कि आप अपनी टिप्पणियों के बारे में क्या कहते हैं? आपने मसाला डाला क्योंकि किसी लिहाज से यह कोई साधारण पोस्ट नहीं था. इसकी व्याख्या को रद्द करने की याचिका में नहीं माना जा सकता. आपका स्पष्टीकरण निचली अदालत के लिए है.
कंगना के वकील ने कहा कि उनकी मुवक्किल ने किसी अन्य शख्स का ट्वीट सिर्फ रिट्वीट किया था. लेकिन जिस शख्स ने असल में ये ट्वीट पोस्ट किया था. उसे अदालत ने समन नहीं किया.
इस पर अदालत ने कहा कि आपको अपनी टिप्पणी के बारे में क्या कहना है? यह कोई आम रिट्वीट नहीं था. आपने इसमें मसाला डाला.
कंगना के वकील ने कहा कि आज स्थिति ऐसी है कि मेरी मुवक्किल पंजाब की यात्रा नहीं कर सकती.
दरअसल कंगना ने 2021 में किसान आंदोलन के दौरान की गई मानहानि टिप्पणी के चलते पंजाब में दर्ज केस को रद्द करने की मांग की थी. कंगना के खिलाफ मानहानि की यह शिकायत 2021 में पंजाब के बठिंडा कोर्ट में 73 साल की महिंदर कौर ने दर्ज कराई थी.
शिकायत में कहा गया कि कंगना ने रिट्वीट में उनके खिलाफ मानहानि करने वाले आरोप लगाए हैं. कंगना ने अपने रिट्वीट में महिंदर कौर की फोटो वाले ट्वीट को रिट्वीट कर कहा था कि ये वही बिलिकिस बानो दादी है,जो शाहीन बाग प्रदर्शन का हिस्सा थी.
संजय शर्मा