‘संघ की गतिविधियां बेहद प्रभावशाली’, इजरायली राजनयिक ने जमकर की RSS की तारीफ

इजरायली राजनयिक यानिव रेवाच ने बताया कि उनके लिए RSS मुख्यालय का दौरा बेहद महत्वपूर्ण था. एक दिन पहले उन्होंने रेशमबाग स्थित स्मृति मंदिर परिसर का दौरा किया था, जहां RSS के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार की स्मृति स्थल है.

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इजरायली राजनयिक ने डॉ. हेडगेवार को श्रद्धांजलि भी अर्पित की. (Photo-X) इजरायली राजनयिक ने डॉ. हेडगेवार को श्रद्धांजलि भी अर्पित की. (Photo-X)

aajtak.in

  • नागपुर,
  • 30 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:51 PM IST

इजरायल के एक राजनयिक ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की गतिविधियों की जमकर सराहना की है. इजरायली काउंसल जनरल यानिव रेवाच ने नागपुर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्यालय का दौरा किया.

इस दौरान उन्होंने संघ की कार्यप्रणाली की सराहना करते हुए रेवाच ने भारत और इजरायल को आतंकवाद के खिलाफ 'रणनीतिक सहयोगी' बताया. उन्होंने नागपुर में आरएसएस संस्थापक डॉ. के.बी. हेडगेवार के स्मारक 'स्मृति मंदिर' का दौरा किया.

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इस यात्रा के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने संघ द्वारा युवा पीढ़ी को भारत की जड़ों, विरासत और इतिहास से जोड़ने के प्रयासों का भी जिक्र किया. संघ की गतिविधियों से प्रभावित हुए रेवाच ने कहा, "आरएसएस की गतिविधियां बहुत प्रभावशाली हैं. वे युवाओं के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और उन्हें अपनी संस्कृति व इतिहास से रूबरू करा रहे हैं."

उन्होंने नागपुर के रेशमीबाग स्थित उस शाखा का भी अवलोकन किया, जहां से 1925 में संघ की शुरुआत हुई थी. उन्होंने डॉ. हेडगेवार और उनके उत्तराधिकारी गुरुजी गोलवलकर को श्रद्धांजलि भी अर्पित की.

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आतंकवाद पर साझा मोर्चा भारत और इजरायल के संबंधों पर चर्चा करते हुए राजनयिक ने कहा कि दोनों देश अलग-अलग सीमाओं से आतंकवाद का सामना कर रहे हैं. उन्होंने जोर देकर कहा, 'आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और इजरायल रणनीतिक सहयोगी (Strategic Allies) हैं.'

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शताब्दी वर्ष में खास दौरा आरएसएस ने एक विज्ञप्ति जारी कर बताया कि रेवाच को संघ की सांगठनिक यात्रा और सामाजिक पहलों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई. यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब आरएसएस अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है. रेवाच ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी अपने दौरे को साझा करते हुए लिखा कि RSS के शताब्दी वर्ष में मुख्यालय आना उनके लिए सम्मान की बात है और उन्होंने वहीं शाखा देखी जहां से संघ की शुरुआत 1925 में हुई थी.

(PTI इनपुट्स के साथ)

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