पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत लगातार पाकिस्तान के खिलाफ कड़े फैसले ले रहा है. सरकार ने बुधवार को पाकिस्तानी विमानों के लिए एयरस्पेस बंद करने का फैसला लिया है. लेकिन इससे पहले पिछले 9 दिन में भारत ने जमीन, पानी और हवा, हर मोर्चे पर पाकिस्तान को पटखनी देने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं. 22 अप्रैल को पहलगाम में पर्यटकों को निशाना बनाकर किए गए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी.
अटारी-वाघा बॉर्डर बंद
हमले के अगले ही दिन यानी 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों से जुड़ी कैबिनेट कमेटी की बैठक हुई थी और इस मीटिंग में पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े फैसले लिए गए थे. भारत ने सबसे पहले पाकिस्तानी नागरिकों को अपनी जमीन से खदेड़ने के लिए अटारी बॉर्डर चेक पोस्ट को बंद कर दिया ताकि कोई भी पाकिस्तानी नागरिक भारतीय वीजा होने के बावजूद देश में दाखिल नहीं हो सके.
राजनयिकों को देश छोड़ने के आदेश
इसके साथ ही CCS की बैठक में पाकिस्तान में मौजूद भारतीय दूतावास को बंद करने का फैसला लिया गया था. यह कूटनीतिक दबाव डालने के लिए उठाया गया एक बड़ा कदम था. साथ ही भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी राजनायिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया और पाकिस्तानियों को भारत का वीजा नहीं देने का कठोर फैसला लिया गया था. सरकार ने हमले के बाद फैसला लिया कि कोई भी पाकिस्तानी नागरिक भारत में दाखिल नहीं हो सकेगा.
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SAARC वीजा छूट पर रोक
इसके अलावा भारत की ओर से पाकिस्तान को दी जाने वाली SAARC वीजा छूट योजना को भी तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है. इसके तहत भी अब पाकिस्तानी नागरिकों को भारत आने की अनुमति नहीं होगी. इस बैठक में भारत ने जो सबसे बड़ा फैसला लिया था, वह सिंधु जल समझौते को सस्पेंड करना था क्योंकि भारत ने 6 दशक पुरानी इस संधि को 1965, 1971 और 1999 की जंग के बाद भी नहीं रोका था.
सिंधु जल समझौता सस्पेंड
भारत ने इस फैसले से पाकिस्तान के ऊपर 'वाटर स्ट्राइक' कर दी, क्योंकि सिंधु और उसकी सहायक नदियों को पाकिस्तान की लाइफ लाइन माना जाता है. इस समझौते को रोकने का मतलब था कि पाकिस्तान के सामने बहुत बड़ी मुश्किल आने वाली है. पाकिस्तान की 80 फीसदी कृषि भूमि, हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट और 24 करोड़ की आबादी सिंधु के पानी पर निर्भर करती है. ऐसे में पाकिस्तान के खिलाफ उठाया गया यह सबसे बड़ा कदम है.
उच्चायोग में कर्मियों की संख्या घटाई
भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को पर्सोना नॉन ग्राटा घोषित किया गया है. इन्हें भी 23 अप्रैल के बाद एक सप्ताह के भीतर देश छोड़ने के आदेश दिए गए थे. साथ ही भारत और पाकिस्तान के उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 करने का फैसला लिया गया है. यह बदलाव एक मई तक पूरा किया जाएगा. CCS ने सुरक्षा बलों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है और कहा कि हमले के गुनहगारों को सजा दिलाई जाएगी.
पाकिस्तान पर 'डिजिटल स्ट्राइक'
हमले के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान पर डिजिटल स्ट्राइक भी की गई है. इसके तहत दो दिन पहले शोएब अख्तर, आरज़ू काज़मी और सैयद मुज़म्मिल शाह समेत 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों को देश में बैन किया गया है. इसके अलावा कई पाकिस्तानी X हैंडल और साइट्स पर भी पाबंदी लगाई गई है. भारत के खिलाफ किसी तरह के प्रोपेगेंडा को रोकने के मकसद से सरकार ने यह कदम उठाया है. यही नहीं पाकिस्तान के कुछ पॉपुलर एक्टर के हैंडल को भी बैन किया गया है.
सेना को मिली खुली छूट
पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुख के साथ एक हाईलेवल मीटिंग भी की थी. इस बैठक में आतंकवाद से सख्ती से निपटने के लिए सेना को खुली छूट देने की बात कही गई. सरकार के सूत्रों के मुताबिक बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद को करारा झटका देना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है. पीएम मोदी ने भारतीय सशस्त्र बलों की पेशेवर क्षमताओं में पूरा भरोसा जताया. उन्होंने कहा कि सेना अपने हिसाब से जवाब देने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है.
फायरिंग का जवाब दे रही सेना
भारत के सख्त फैसलों से बौखलाया पाकिस्तान LoC और इंटरनेशन बॉर्डर पर लगातार सीजफायर तोड़ रहा है. हालांकि भारतीय जांबाज पाकिस्तान की गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं. उधर, पाकिस्तान ने डर की वजह से बॉर्डर के करीब बने आतंकियों के लॉन्च पैड हटाने का फैसला लिया है. पड़ोसी मुल्क को डर है कि भारत पहले की तरह सर्जिकल या एयर स्ट्राइक कर सकता है.
एयरस्पेस बंद करने का फैसला
पीएम मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को राजनीतिक मामलों से जुड़ी कैबिनेट कमेटी (CCPA) की बैठक हुई, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ एक और बड़ा कदम उठाय गया है. भारत सरकार ने पाकिस्तान के विमानों के लिए अपने एयरस्पेस को बंद करने का फैसला किया है. पाकिस्तान के लिए भारत का एयरस्पेस 30 अप्रैल से 23 मई तक के लिए बंद रहेगा, जिससे पड़ोसी मुल्क को भारी आर्थिक नुकसान होगा.
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भारत अपने इन फैसले के जरिए पाकिस्तान को पूरी तरह घुटनों पर लाना चाहता है. सरकार का कहना है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करता, तब तक ऐसे कदम उठाए जाते रहेंगे. इसके अलावा भारत ने वैश्विक समुदाय को भी पाकिस्तान की करतूतों के बारे में अवगत करा दिया है. देश में विभिन्न देशों के राजदूतों के साथ विदेश मंत्रालय में एक बैठक की गई थी, जिसमें पहलगाम हमले के बारे में पूरी दुनिया को जानकारी दी गई है.
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