भारतीय सेना ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 7 मई को किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की और 9 टेरर कैंप्स को निशाना बनाया.
सेना ने बताया कि इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया है, जिनमें IC-814 प्लेन हाईजैक के साजिशकर्ता और पुलवामा हमले के दोषी भी शामिल थे. यह जानकारी भारतीय सेना के महानिदेशक सैन्य संचालन (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने रविवार को दी.
'ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकी ढेर'
उन्होंने कहा, 'मुझे इस बात में कोई संदेह नहीं है कि हमने पूरी तरह से सरप्राइज अटैक किया. 9 आतंकी अड्डों पर की गई इन स्ट्राइक्स में 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए, जिनमें कई हाई-वैल्यू टारगेट भी शामिल थे.
सेना ने एयर स्ट्राइक में यूसुफ अज़हर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदस्सिर अहमद को भी मार गिराया. बता दें कि यूसुफ अज़हर IC-814 प्लेन हाईजैक का मास्टरमाइंड था और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा था. वहीं अब्दुल मलिक रऊफ IC-814 हाईजैकिंग के साथ-साथ पुलवामा हमले की साजिश में भी शामिल था.
मसूद अजहर का साला ढेर
मोहम्मद यूसुफ अजहर को 'उस्ताद जी', 'मोहम्मद सलीम' और 'घोसी साहब' के नाम से भी जाना जाता था. वह भी जैश-ए-मोहम्मद का एक प्रमुख कमांडर था. यूसुफ जैश चीफ मौलाना मसूद अजहर का साला था. वह जैश-ए-मोहम्मद के लिए वेपन ट्रेनिंग का जिम्मा संभालता था यानी आतंकियों को मिलने वाले हथियार प्रशिक्षण की देखरेख करता था. मोहम्मद यूसुफ अजहर जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों में शामिल और आईसी-814 कंधार हाईजैक मामले में भारत को उसकी तलाश थी. इस हाईजैक के चलते 1999 में भारत को मसूद अजहर को रिहा करने के लिए मजबूर होना पड़ा था.
'स्पष्ट मिलिट्री टारगेट के साथ ऑपरेशन को दिया गया अंजाम'
शीर्ष सैन्य अधिकारी ने पुष्टि की कि 'ऑपरेशन सिंदूर' को एक स्पष्ट मिलिट्री टारगेट के साथ अंजाम दिया गया था- आतंकी हमलों के साजिशकर्ताओं को सजा देना और उनके आतंकी ढांचे को नष्ट करना.'
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