'भारत की आलोचना करने वाले खुद रूस से व्यापार कर रहे', ट्रंप की धमकी पर सरकार का करारा पलटवार

भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा भारत की आलोचना पर कड़ा जवाब दिया है. ये आलोचना रूस से तेल खरीद को लेकर की जा रही थी, लेकिन भारत ने इसे अनुचित और बेबुनियाद करार दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि भारत पर निशाना साधना न सिर्फ गलत है, बल्कि खुद इन देशों की कथनी और करनी में फर्क भी उजागर करता है.

Advertisement
ट्रंप की टैरिफ बढ़ाने की धमकी पर भारत ने करारा पलटवार किया है (File Photo: AP) ट्रंप की टैरिफ बढ़ाने की धमकी पर भारत ने करारा पलटवार किया है (File Photo: AP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 12:04 AM IST

भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा भारत की आलोचना पर कड़ा जवाब दिया है. ये आलोचना रूस से तेल खरीद को लेकर की जा रही थी, लेकिन भारत ने इसे अनुचित और बेबुनियाद करार दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि भारत पर निशाना साधना न सिर्फ गलत है, बल्कि खुद इन देशों की कथनी और करनी में फर्क भी उजागर करता है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत को रूस से तेल आयात शुरू करने के लिए बाध्य होना पड़ा, क्योंकि यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद पारंपरिक आपूर्तिकर्ताओं ने अपनी आपूर्ति यूरोप की ओर मोड़ दी थी. उस समय अमेरिका ने खुद भारत को ऐसे कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित किया था, ताकि वैश्विक ऊर्जा बाजार स्थिर रह सके. उन्होंने कहा कि भारत के ये आयात भारतीय उपभोक्ताओं को सस्ती और स्थिर ऊर्जा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी हैं. ये कोई विकल्प नहीं, बल्कि वैश्विक बाज़ार की मजबूरी है. MEA ने कहा कि आश्चर्य की बात ये है कि जो देश भारत की आलोचना कर रहे हैं, वही खुद भी रूस से व्यापार कर रहे हैं, जबकि उनके लिए यह कोई राष्ट्रीय अनिवार्यता नहीं है.

Advertisement

ये भी पढ़ें- 'भारत पर भारी टैरिफ लगाऊंगा', रूस से तेल खरीदने पर भड़के ट्रंप, दी नई धमकी

EU भी कर रहा रूस से व्यापार

भारत ने आंकड़ों के साथ बताया कि सिर्फ 2024 में यूरोपीय संघ (EU) और रूस के बीच 67.5 अरब यूरो का वस्तु व्यापार हुआ, जबकि 2023 में सेवाओं का व्यापार 17.2 अरब यूरो तक पहुंच गया. ये व्यापार उस वर्ष भारत और रूस के कुल व्यापार से कहीं ज्यादा था. यूरोपीय संघ ने 2024 में रूस से 16.5 मिलियन टन LNG (तरलीकृत प्राकृतिक गैस) आयात किया, जो 2022 के 15.21 मिलियन टन के पिछले रिकॉर्ड को भी पार कर गया.

अमेरिका की खोली पोल 

MEA के प्रवक्ता ने कहा कि यूरोप और रूस के बीच का व्यापार केवल ऊर्जा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें उर्वरक, खनिज उत्पाद, रसायन, लोहा-इस्पात, मशीनरी और परिवहन उपकरण तक शामिल हैं. वहीं, अमेरिका को लेकर भारत ने कहा कि वह भी परमाणु ऊर्जा के लिए रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, अपने ईवी उद्योग के लिए पैलेडियम, उर्वरकों के साथ-साथ रसायनों का भी आयात करता है.

Advertisement

भारत का रुख स्पष्ट

विदेश मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि भारत को निशाना बनाना नाजायज और गैरवाजिब है. भारत एक प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में हमेशा अपने राष्ट्रीय हित और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएगा.

ट्रंप ने दी थी टैरिफ बढ़ाने की धमकी 

भारत के इस बयान से पहले ट्रंप ने कहा था कि भारत केवल रूस से भारी मात्रा में तेल ही नहीं खरीद रहा, बल्कि खरीदे गए तेल का एक बड़ा हिस्सा अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचकर भारी मुनाफा कमा रहा है. उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं कि रूस की युद्ध मशीन यूक्रेन में कितने लोगों को मार रही है. इसी वजह से मैं भारत द्वारा अमेरिका को दिए जाने वाले टैरिफ में भारी बढ़ोतरी करूंगा. 

Read more!
---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement