हर भारतीय को मुफ्त मिले ChatGPT जैसे AI टूल्स, संसद में राघव चड्ढा ने ग‍िनाए फायदे

राघव चड्ढा ने कहा कि अगर भारत ने अब कदम नहीं उठाया, तो 2030 तक 15 ट्रिलियन डॉलर की AI रेस में हम काफी पीछे रह जाएंगे. सांसद ने कहा कि AI सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं है, बल्कि किसानों, छात्रों, युवाओं और बुजुर्गों तक हर वर्ग के लिए नई दिशा और अवसर है. उनका कहना था कि मुफ्त AI टूल्स से राष्ट्रीय उत्पादकता कई गुना बढ़ सकती है और भारत को असली मायनों में ‘डिजिटल इंडिया’ बनाने में मदद मिलेगी.

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Raghav Chaddha (File Photo) Raghav Chaddha (File Photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 10:27 PM IST

राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने बुधवार को स्पेशल मेंशन के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर बड़ा मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि भारत सरकार को हर नागरिक को एडवांस्ड AI टूल्स जैसे ChatGPT, Gemini, Claude और Grok का मुफ्त सब्सक्रिप्शन उपलब्ध कराना चाहिए.

चड्ढा ने उदाहरण देते हुए कहा कि यूएई, सिंगापुर और चीन जैसे देश पहले ही अपने नागरिकों को मुफ्त एडवांस AI टूल्स उपलब्ध करवा रहे हैं. ऐसे में अगर भारत ने समय रहते कदम नहीं उठाया, तो 2030 तक 15 ट्रिलियन डॉलर की इस ग्लोबल AI रेस में देश काफी पीछे रह जाएगा.

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किसानों से लेकर छात्रों तक, सबको मिलेगा फायदा

राज्यसभा में बोलते हुए राघव चड्ढा ने कहा कि AI केवल तकनीक नहीं है, बल्कि बड़ा सपना देखने और उसे पूरा करने का ये एक बड़ा अवसर है.  किसानों के लिए यह स्मार्ट फार्मिंग का रास्ता खोल सकता है, जिससे खेती आसान और उत्पादक होगी. छात्रों के लिए यह 24x7 शिक्षक की तरह काम करेगा, जो उन्हें कभी भी, कहीं भी पढ़ाई की सुविधा देगा. उद्यमियों के लिए यह एक बिजनेस प्लानर साबित होगा, जो स्टार्टअप्स और कारोबार को सही दिशा देगा. युवाओं के लिए करियर गाइड की तरह काम करेगा, जो रोजगार के अवसर खोजने और भविष्य को संवारने में मदद करेगा. वहीं बुजुर्गों के लिए यह तकनीक डॉक्टर की तरह सहायक होगी, जो हर वक्त स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह देगी. 

'AI हर सवाल का जवाब, हर समस्या का समाधान'

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चड्ढा ने कहा कि AI सिर्फ मशीनों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हर वर्ग के जीवन को नई दिशा और ताकत देने वाला अवसर है. उन्होंने कहा कि AI से हर सवाल का जवाब और हर समस्या का समाधान संभव है. उन्होंने ये भी कहा कि अगर भारत सरकार सभी नागरिकों को सुरक्षित और स्थानीय भाषाओं में मुफ्त एडवांस AI टूल्स उपलब्ध कराए, तो राष्ट्रीय उत्पादकता कई गुना बढ़ जाएगी और लोगों का कीमती समय बचेगा. 

'डिजिटल इंडिया तभी पूरा होगा जब कोई पीछे न रहे'

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि चाहे कोड लिखना हो, डेटा एनालिसिस करना हो या सरकारी फार्म भरना, AI इन सभी कामों को आसान और तेज बना सकता है. चड्ढा ने जोर देकर कहा कि इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्रांति में कोई भी भारतीय पीछे नहीं रहना चाहिए. तभी असली मायनों में भारत डिजिटल इंडिया बन पाएगा.

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