नेपाल में लगातार बारिश के बाद आई बाढ़ ने बिहार और यूपी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के गोपालगंज, बेतिया, बगहा, सुपौल और शिवहर जैसे जिलों में बाढ़ से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. भारत-नेपाल बॉर्डर पर वाल्मीकिनगर के गंडक बैराज के 36 गेट खोले जा चुके हैं. जिससे निचले इलाकों पर डूबने का खतरा मंडरा रहा है. बगहा में खेतों में काम करने गए 150 किसान बाढ़ में फंस गए. हालांकि, गनीमत रही कि घंटों तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद किसानों को सुरक्षित बचा लिया गया.
नेपाल में काठमांडू, ललितपुर और भक्तपुर जैसे शहर पूरी तरह जलमग्न नजर आ रहे हैं. काठमांडू की जिन सड़कों पर गाड़ियां फर्राटा भरती दिखती थीं, वहां अब सैलाब का बसेरा दिख रहा है. सैलानियों से गुलजार रहने वाला काठमांडू इन दिनों पानी-पानी नजर आ रहा है. मूसलाधार मुसीबत के आगे मानो नेपाल के कई जिलों ने सरेंडर कर दिया है.
लगातार बारिश से ज्यादातर नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. रिहायशी इलाकों को पानी ने अपनी चपेट में ले लिया है. बारिश के बाद हुए हादसों और लैंडस्लाइड में अब तक करीब 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
मुंबई में बारिश बनी आफत, सड़कों से लेकर रेलवे ट्रैक तक सब पानी-पानी, देखें VIDEO
निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बारिश काल बनकर आई है. उन्हें अपना घर छोड़ने को मजबूर होना पड़ रहा है. कई इलाकों में घुटनों तक पानी भरा है. नेपाल में बाढ़ की वजह से बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी नदियां उफान पर आ गई हैं. जिसके बाद प्रशासन अलर्ट पर है.
बिहार के बगहा में गंडक नदी उफान पर है. यहां वाल्मीकिनगर बैराज से साढ़े 4 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद निचले इलाकों पर डूबने का खतरा मंडरा रहा है. गंडक के तराई वाले इलाकों में सैलाब का कब्जा दिखाई दे रहा है. हालात को देखते हुए डीएम और एसपी ग्राउंड जीरो पर डटे हुए हैं. निचले इलाकों से लोगों को लगातार निकाला जा रहा है. बाढ़ प्रभावितों के लिए जिला प्रशासन ने कई कैंप भी लगाए हैं.
बिहार के शिवहर में भी बागमती नदी उफान पर है. दरअसल, नेपाल के तराई इलाकों में लगातार हो रही भारी बारिश से अब शिवहर जिले के कई इलाकों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.वहीं, सुपौल में भी कोसी का तांडव देखा जा रहा है. नेपाल कोसी बराज से 4 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने की वजह से निचले इलाकों में रहने वाले लोग सुरक्षित ठिकानों की ओर पलायन कर रहे हैं.
वहीं, पूर्वी यूपी में भी बाढ़ को लेकर योगी सरकार और प्रशासन मुस्तैद नजर आ रहा है. सीएम योगी ने अधिकारियों के साथ मीटिंग कर 24 घंटे अलर्ट रहने के निर्देश दिए. हैं.
aajtak.in