वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) रिफॉर्म्स को लेकर आजतक से खास बातचीत में प्री जीएसटी रेट्स और अब के सुधार, हर बिंदु पर सवालों के जवाब दिए. वित्त मंत्री इसे देश का मैनिफेस्टो बताया और विपक्ष के आरोप पर भी पलटवार किया. उन्होंने विपक्ष को जीएसटी पर कमेंट करने से पहले होमवर्क करने की नसीहत भी दी.
जीएसटी रिफॉर्म्स से महिलाओं के छोटे उद्योगों और काम को बढ़ावा देने के लिए कैसे मदद करेगा. इस सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि महिलाओं के लिए इंसेंटिव, एम्पावरमेंट... ये सब सरकार की नीतियों के जरिये होता है. इसीलिए महिला के लिए एक कैटेगरी रखा गया है.
उन्होंने कहा कि मुद्रा लोन में आधे से ज्यादा महिलाएं हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि महिला एंटरप्रेन्योर्स के लिए कुछ योजनाएं आई हुई हैं और आ रही हैं. उन्होंने आगे कहा कि ड्रोन दीदी, लखपति दीदी... ये सब सरकार की योजनाएं ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए ही हैं.
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वित्त मंत्री ने कहा कि महिला साबुन खरीदेगी या साड़ी खरीदेगी, टैक्स सिस्टम में यह काम करने के योग्य नहीं है. योजनाओं के जरिये यह किया जा सकता है. पेट्रोल, डीजल और प्राकृतिक गैस जीएसटी के दायरे में क्यों नहीं आते? उन्होंने इस सवाल के जवाब में कहा कि इस संबंध में निर्णय राज्यों से आना चाहिए.
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वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि हम लीगली इसे लागू करने के लिए तैयार हैं. हम जीएसटी काउंसिल में ये विषय नहीं ले गए थे. उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि जीएसटी लागू करने से पहले राज्यों में अलग-अलग टैक्स रेट थे. जीएसटी की योजना जब बनाई गई, इसकी दरें भी उसी के इर्द-गिर्द रखी गईं, जो टैक्स दरें राज्यों में लागू थीं. रेट कट्स का फायदा उपभोक्ताओं को मिलेगा, कंपनियों ने हमें यह आश्वस्त किया है.
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