बाइडेन से टिकैत की गुहार, ट्वीट में टैग कर कहा- भारत में किसान कर रहे प्रदर्शन, PM मोदी से करें चर्चा

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने भी इस मीटिंग से पहले जो बाइडेन को ट्विटर के जरिए एक संदेश दिया है और कहा है कि पीएम मोदी के साथ हमारे मसलों पर भी चर्चा करें. 

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Farmer Leader Rakesh Tikait Farmer Leader Rakesh Tikait

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 2:47 PM IST
  • किसान नेता राकेश टिकैत का जो बाइडेन को ट्वीट
  • पीएम मोदी के साथ करें हमारे मसले पर बात: टिकैत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज रात को वाशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात करेंगे. इस मुलाकात पर हर किसी की नज़रें टिकी हैं. इसी बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने भी इस मीटिंग से पहले जो बाइडेन को ट्विटर के जरिए एक संदेश दिया है और कहा है कि पीएम मोदी के साथ हमारे मसलों पर भी चर्चा करें. 

किसान नेता राकेश टिकैत ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) को टैग करते हुए ट्वीट किया कि भारतीय किसान पीएम मोदी की सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. 11 महीने में 700 से अधिक किसान इस बीच मर चुके हैं. इन काले कानूनों का वापस होना जरूरी है. पीएम मोदी के साथ अपनी मीटिंग में हमारे मुद्दों पर भी ध्यान दें. 

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आपको बता दें कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार रात साढ़े आठ बजे (भारतीय समयानुसार) व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात करेंगे. दोनों नेताओं के बीच होने वाली ये पहली बैठक होगी. इस दौरान दोनों देशों के संबंध, निवेश, कोरोना संकट, अफगानिस्तान समेत अन्य मसलों पर बातचीत की जाएगी.

एक साल से जारी है किसानों का प्रदर्शन

अगर किसानों के प्रदर्शन की बात करें तो भारत सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. राकेश टिकैत की अगुवाई में दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन हो रहा है, जबकि दिल्ली-सिंघु बॉर्डर, दिल्ली-टिकरी बॉर्डर पर भी किसानों का जमावड़ा है. पिछले एक साल से किसानों का हल्ला बोल जारी है. 

किसानों की मांग है कि तीनों कानूनों को वापस लिया जाए और एमएसपी की गारंटी दी जाए. किसान संगठनों और सरकार के बीच कई दौर की चर्चा हो चुकी है, लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई है. हालांकि, अब लंबे वक्त से दोनों पक्षों के बीच बातचीत भी बंद हो चुकी है. सरकार ने तीनों कानून को वापस लेने से इनकार किया है. 
 

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