झारखंड: IAS विनय चौबे, आबकारी अधिकारी गजेंद्र सिंह और शराब टेंडर से जुड़े ठिकानों पर ED की छापेमारी

ईडी ने झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी विनय चौबे, आबकारी विभाग के अधिकारी गजेंद्र सिंह और झारखंड शराब टेंडर से जुड़ी कई कंपनियों के मालिकों के ठिकानों पर छापेमारी की है. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट घोटाले से जुड़ी जगहों पर छापेमारी की खबर है.

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झारखंड-छत्तीसगढ़ में ED की छापेमारी (प्रतीकात्मक तस्वीर) झारखंड-छत्तीसगढ़ में ED की छापेमारी (प्रतीकात्मक तस्वीर)

श्रेया चटर्जी

  • नई दिल्ली,
  • 29 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 10:38 AM IST

झारखंड और छत्तीसगढ़ में 17 जगहों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी की जानकारी सामने आई है. ईडी ने झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी विनय चौबे, आबकारी विभाग के अधिकारी गजेंद्र सिंह और झारखंड शराब टेंडर से जुड़ी कई कंपनियों के मालिकों के ठिकानों पर छापेमारी की है. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट घोटाले से जुड़ी जगहों पर छापेमारी की खबर है.

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इससे पहले मई में झारखंड के पूर्व मंत्री के करीबी के घर पर ईडी ने छापेमारी की थी, जिसमें करोड़ों रुपए कैश बरामद किए गए थे. पिछले दिनों मई में रांची में कई ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापेमारी की थी. पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के नौकर के घर ईडी ने भारी नकदी जब्त की थी. इस मामले में कुल 6 जगहों पर छापेमारी हुई थी और 35.23 करोड़ रुपये का कैश बरामद किया गया था. बैंक अधिकारी मौके पर नोट गिनने वाली मशीनें लेकर पहुंचे थे और छापे के बाद से ही नोटों की काउंटिंग चल रही थी.

ईडी ने कुछ योजनाओं के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फरवरी 2023 में झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र के. राम को गिरफ्तार किया था. सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर राज्य सरकार को गुप्त पत्र लिखा था और इस मामले में FIR दर्ज करने को कहा था. इन पत्रों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई बल्कि इन भ्रष्ट अधिकारियों के साथ पत्र साझा किए गए. कैश बरामदगी के साथ ऐसा ही एक पत्र मिला था.

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कौन हैं आलमगीर आलम?

आलमगीर आलम पाकुड़ विधानसभा से कांग्रेस के चार बार विधायक रह चुके हैं. इससे पहले आलमगीर आलम 20 अक्टूबर 2006 से 12 दिसंबर 2009 तक झारखंड विधानसभा अध्यक्ष भी रहे थे. विरासत में राजनीति मिलने के बाद आलमगीर ने सरपंच का चुनाव जीतकर राजनीति में प्रवेश किया. 2000 में पहली बार वह विधायक बने और तब से लेकर अब तक 4 बार विधायक चुने जा चुके हैं. 

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