पहाड़ों पर ठंड का असर बढ़ रहा है. कश्मीर से लेकर उत्तराखंड तक कई इलाकों में तापमान गिरता जा रहा है. पहाड़ों पर कई इलाकों में बर्फीली हवाओं ने सर्दी का असर बढ़ा दिया है, लेकिन क्या नवंबर के अंत तक दिल्ली भी कड़ाके की ठंड का सामना करेगी या अभी भी दिल्ली को ठंड का इंतजार करना पड़ेगा.
स्काईमेट वेदर के मुताबिक नवंबर के महीने में दिल्ली में आमतौर पर बारिश नहीं होती, क्योंकि इस समय कोई बड़ी मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं रहती. हालांकि, साल 2023 अपवाद रहा जब नवंबर में 17.7 मिमी बारिश दर्ज हुई थी. इसके अगले साल यानी 2024 में नवंबर पूरी तरह सूखा रहा था. साल 2011 से अब तक 7 बार नवंबर में बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई और बाकी सालों में भी बारिश बहुत कम रही है. इस बार भी दिल्ली और आसपास के इलाकों में बारिश की संभावना नहीं है.
दिल्ली में न्यूनतम तापमान में हल्की गिरावट की उम्मीद जताई जा रही है, जो मौसम के सामान्य बदलाव का हिस्सा है. इस हफ्ते दिल्ली में तापमान 9°C तक आ सकता है, लेकिन इससे ज्यादा गिरावट की उम्मीद नहीं है. नवंबर में कड़ाके की ठंड या शीतलहर जैसी स्थिति बनने की संभावना बहुत कम है.
दिल्ली का तापमान
स्काईमेट वेदर के मुताबिक, दिल्ली में आज दोपहर का तापमान ज्यादातर जगहों पर करीब 25°C है. आने वाले दिनों में दिल्ली का न्यूनतम तापमान लगभग 11°C और अधिकतम तापमान करीब 29°C रहने की संभावना है.
पहाड़ी इलाके में गिर रहा तापमान...
कश्मीर में ठंड
पिछली बर्फबारी के असर से कश्मीर घाटी में ठंड बढ़ने लगी है. गुलमर्ग और पहलगाम जैसे इलाकों में नवंबर के पहले हफ्ते में ही तापमान शून्य से नीचे चला गया था.
उत्तराखंड के पहाड़ों में भी ठंड बढ़ती जा रही है. बद्रीनाथ धाम में कड़ाके की ठंड पड़ चुकी है. यहां नवंबर से ही जबरदस्त शीतलहर का असर देखने को मिला है. बर्फीली हवाओं की वजह से धाम में पिछले हफ्ते तापमान करीब माइनस 10 से 16 डिग्री तक पहुंच चुका था.
मनाली को ठंड का इंतजार
स्काईमेट वेदर के अनुसार, पिछले 4 सालों में मनाली में नवंबर के महीने में कभी भी तापमान शून्य या उससे नीचे नहीं गया. शिमला में भी आमतौर पर दिसंबर तक ही पारा इतना गिरता है. पिछले 15 सालों में नवंबर में शिमला का सबसे कम तापमान 2.7°C (30 नवंबर 2007) रहा है. इस बार भी मनाली और शिमला को शून्य से नीचे तापमान गिरने का इंतजार करना पड़ सकता है.
aajtak.in