दिल्ली (Delhi) के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी ने मानहानि के एक मामले के संबंध में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है. 'अग्रवाल समाज का नाम वोटिंग लिस्ट से काटने' वाले बयान से जुड़े मानहानि के मामले में केजरीवाल और आतिशी ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
केजरीवाल और अन्य नेताओं के खिलाफ निचली अदालत में चल रहे मानहानि के मुकदमे को रद्द करने से दिल्ली हाई कोर्ट ने इनकार कर दिया था. दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था, "बीजेपी के खिलाफ लगाए गए आरोप मानहानिकारक हैं और बीजेपी को बदनाम करने और ये आरोप अनुचित राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए लगाए गए थे."
दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल, आतिशी और अन्य को ट्रायल कोर्ट के सामने पेश होने का आदेश दिया था.
क्या है पूरा मामला?
भारतीय जनता पार्टी के नेता राजीव बब्बर ने मानहानि का मुकदमा दायर कर पार्टी की साख को कथित तौर पर नुकसान पहुंचाने के लिए केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के कई अन्य नेताओं पर मानहानि के अपराध में कार्रवाई करने की मांग की थी.
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दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिसंबर, 2018 में ट्वीट कर दावा किया था कि अग्रवाल समाज के दिल्ली में कुल आठ लाख वोट हैं. उनमें से लगभग चार लाख बीजेपी ने वोट कटवा दिए.
राजीव बब्बर ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल उन पर वोटर लिस्ट से 'मतदाताओं' के नाम हटाने के लिए गलत दोष मढ़ रहे हैं. बीजेपी ने यह भी आरोप लगाया कि सोशल मीडिया पर केजरीवाल ने लोगों को बीजेपी के खिलाफ भड़काने की कोशिश की है.
बता दें कि इस मामले में अरविंद केजरीवाल के अलावा आतिशी, मनोज कुमार और सुशील कुमार गुप्ता को भी आरोपी बनाया गया.
संजय शर्मा