दिल्ली के रेड फोर्ट के पास 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नए-नए तथ्य निकलकर सामने आ रहे हैं. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और खुफिया एजेंसियों ने खुलासा किया है कि हमलावर डॉक्टर उमर नबी एक रहस्यमयी हैंडलर के संपर्क में था, जिसका नाम 'UKasa' बताया जा रहा है. सूत्रों के अनुसार, यह एक कोडनेम हो सकता है, और हैंडलर की लोकेशन तुर्की की राजधानी अंकारा में थी.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के सूत्रों ने बताया कि आतंकी उमर नबी और फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल में गिरफ्तार अन्य संदिग्ध Session App (एक एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म) के जरिए हैंडलर के संपर्क में थे. जांच एजेंसियां इस ऐप पर हैंडलर्स और संदिग्धों के बीच हुई बातचीत की गहन पड़ताल कर रही हैं. बता दें कि रेड फोर्ट के पास हुए कार विस्फोट में 12 लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक घायल हैं. केंद्र सरकार ने इसे 'आतंकी घटना' माना है.
मार्च 2022 में कुछ संदिग्ध भारत से अंकारा गए थे
जांच एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, मार्च 2022 में उमर नबी समेत कुछ संदिग्ध भारत से अंकारा गए थे. एजेंसियों को शक है कि इसी दौरान इनका ब्रेनवॉश किया गया और इन्हें जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से जोड़ा गया. फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल केस में गिरफ्तार डॉक्टर मुजम्मिल गनई से पूछताछ में भी तुर्की यात्रा का जिक्र सामने आया है. इस बीच तुर्की ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को पूरी तरह खारिज कर दिया जिनमें उस पर भारत सहित कई देशों में कट्टरपंथ फैलाने या आतंक से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया था.
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तुर्की ने दिल्ली ब्लास्ट में नाम आने पर दी सफाई
तुर्की के संचार निदेशालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया, 'कुछ विदेशी मीडिया संस्थान तुर्की को भारत में आतंकी घटनाओं से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि तुर्की ने आतंकी संगठनों को वित्तीय, लॉजिस्टिक और कूटनीतिक मदद दी. ये दावे पूरी तरह झूठे और तथ्यहीन हैं.' तुर्की ने इसे नई दिल्ली और अंकारा के द्विपक्षीय रिश्तों को नुकसान पहुंचाने वाली एक दुर्भावनापूर्ण मुहिम करार दिया.
इस बीच जांच अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि लाल किले के पास कार ब्लास्ट करने वाले डॉ. उमर नबी ने 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी के आसपास एक देश को दहलाने की योजना बनाई थी. फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल केस में गिरफ्तार किए गए 8 संदिग्धों से पूछताछ में यह बात सामने आई है. दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले का रहने वाला 28 वर्षीय डॉक्टर उमर, 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए कार विस्फोट में मारा गया.
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धमाके के समय कार उमर नबी ही चला रहा था
धमाके के समय कार उमर ही चला रहा था, इसकी पुष्टि डीएनए टेस्ट से हो चुकी है. जांच एजेंसियों ने बुधवार देर रात बताया कि धमाके में इस्तेमाल i20 कार के मलबे से मिले अवशेषों (हड्डियां, दांत, कपड़े के टुकड़े) से आतंकी डॉ. उमर नबी के रिश्तेदारों का डीएनए सैंपल 100% मैच हो गया है. इस ब्लास्ट में जिसमें 12 लोगों की जान चली गई और 20 से अधिक घायल हैं. फरीदाबाद के अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई उर्फ मुसैब की गिरफ्तारी के साथ ही उमर नबी की योजना धराशायी हो गई.
डॉ. मुजम्मिल गनई ने की थी लाल किले की रेकी
डॉ. मुजम्मिल गनई लाल किला क्षेत्र की पहले भी रेकी कर चुका है. उसके मोबाइल फोन के डेटा के विश्लेषण से पता चला है कि उसने इस साल जनवरी में लाल किला क्षेत्र की कई बार टोह ली थी. मुजम्मिल के जम्मू-कश्मीर स्थित घर से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट मिला था. उससे हुई पूछताछ में ही फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल के बारे में पता चला. डॉक्टर उमर नबी भी अल-फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था और उसने फरीदाबाद के धौज गांव में एक किराए का कमरा ले रखा था. पुलिस की रेड में उसके कमरे से 2600 किलोग्राम के करीब IED बनाने की सामग्री बरामद हुई थी. इसके अलावा एके47 समेत कई अत्याधुनिक हथियार और गोला-बारूद मिले थे.
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फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल केस में 8 गिरफ्तारियां
फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल केस में गिरफ्तार किए गए आठ संदिग्धों में से सात कश्मीर के हैं. इनमें- श्रीनगर के नौगाम के रहने वाले आरिफ निसार डार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद; शोपियां के रहने वाले मौलवी इरफान अहमद; गांदरबल के वाकुरा इलाके के रहने वाले जमीर अहमद अहंगर उर्फ मुतलाशा; पुलवामा के कोइल इलाके के रहने वाले डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई उर्फ मुसैब और कुलगाम के वानपोरा इलाके के रहने वाले डॉ. आदिल अहमद डार शामिल हैं. आठवीं संदिग्ध डॉ. शाहीन सईद लखनऊ की रहने वाली है.
अरविंद ओझा