2,900 किलो विस्फोटक फरीदाबाद तक कैसे पहुंच गया? कांग्रेस ने उठाया सवाल, ऑल पार्टी मीट‍िंग बुलाने की मांग

दिल्ली ब्लास्ट के बाद प्रमुख व‍िपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार से जवाबदेही तय करने की मांग की है. कांग्रेस की ये भी मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तुरंत सर्वदलीय बैठक बुलाएं और संसद का शीतकालीन सत्र आगे बढ़ाकर इस मुद्दे पर चर्चा कराई जाए. पार्टी ने सवाल उठाया कि इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक राजधानी तक कैसे पहुंचा.

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कांग्रेस बोली, जवाबदेही तय करें प्रधानमंत्री कांग्रेस बोली, जवाबदेही तय करें प्रधानमंत्री

aajtak.in

  • नई‍ द‍िल्ली ,
  • 13 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:41 PM IST

दिल्ली में हुए धमाके के बाद कांग्रेस ने गुरुवार को मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तुरंत ऑल पार्टी मीट‍िंं बुलाएं. पार्टी ने ये भी पूछा कि क्या सरकार की 'न्यू नॉर्मल डॉक्ट्रिन' जो पहलगाम हमले के बाद बनाई गई थी और जिसमें कहा गया था कि भविष्य में कोई भी आतंकी हमला 'युद्ध की कार्रवाई' माना जाएगा, अब भी लागू है या नहीं.

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कांग्रेस ने ये भी कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र जो एक दिसंबर से शुरू होना है. इसे पहले किया जाए ताकि इस हमले पर संसद में चर्चा हो सके. कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि इस हमले के बाद जिम्मेदारी तय होनी चाहिए और सरकार में किसी को इसकी जवाबदेही लेनी चाहिए. उन्होंने याद दिलाया कि मुंबई आतंकी हमले के बाद तत्कालीन गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने इस्तीफा दिया था.

आतंकी हमला था, ये 48 घंटे बाद बताया

खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि 48 घंटे बाद जाकर कैबिनेट ने बताया कि ये आतंकी हमला था. उन्होंने सवाल उठाया कि जब खुफिया एजेंसियां मौजूद थीं और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल खुद नजर रख रहे थे तो 2900 किलो विस्फोटक फरीदाबाद तक कैसे पहुंच गया?

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खेड़ा ने आगे कहा कि लाल किले के पास इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक वाली कार थी... इस पर जिम्मेदारी कौन ले रहा है और क्या किसी की जवाबदेही तय की गई है? उन्होंने कहा कि जब भी कोई आतंकी हमला हुआ, कांग्रेस हमेशा सरकार के साथ खड़ी रही है और आगे भी रहेगी. लेकिन हमारा कर्तव्य है कि हम पूछें कि गलती किसकी है और जिम्मेदारी कौन लेगा?

पहले बुलाया जाए संसद का सत्र

खेड़ा ने दोहराया कि कांग्रेस की मांग है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में तुरंत सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए. उन्होंने आगे कहा कि हम मांग करते हैं कि संसद का सत्र पहले बुलाया जाए क्योंकि ये बहुत गंभीर मामला है और इस पर संसद में चर्चा जरूरी है. खेड़ा ने याद दिलाया कि पहलगाम और ऑपरेशन सिंदूर के बाद सरकार ने कहा था कि अब से हर आतंकी हमला युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा. क्या यह नीति अब भी लागू है?.

आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम

सरकार ने बुधवार को लाल किले के पास हुए धमाके जिसमें 13 लोगों की मौत हुई, इसको आतंकी घटना बताया. भूटान से लौटने के बाद प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में जांच एजेंसियों को निर्देश दिया गया कि मामले की जांच पूरी गंभीरता और पेशेवर तरीके से की जाए ताकि दोषियों और उनके मददगारों को जल्द सजा दी जा सके. बैठक में सरकार ने दोहराया कि भारत आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम है और किसी भी रूप में इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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