कांग्रेस की राज्यसभा सांसद रेणुका चौधरी (Renuka Chowdhury) ने बुधवार को 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चल रही बहस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने इस दौरान 2007 में आई शाहरुख खान अभिनीत फिल्म 'ओम शांति ओम' की एक लाइन का प्रयोग किया- "एक चुटकी सिंदूर की कीमत तुम क्या जानो, नरेंद्र बाबू."
तेलंगाना से कांग्रेस सांसद ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि मंगलवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी की डेढ़ घंटे की स्पीच में पहलगाम आतंकी हमले के 26 पीड़ितों का ज़िक्र क्यों नहीं किया गया.
उन्होंने कहा, "एक बात जिसने मुझे सबसे ज़्यादा आहत किया, वह यह थी कि प्रधानमंत्री ने उन 26 लोगों का ज़िक्र तक नहीं किया. प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने उन 26 पीड़ितों के नाम लिए, मैं इसके लिए उनका शुक्रिया अदा करती हूं. मुझे उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री उन 26 लोगों का ज़िक्र करेंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया."
'पहलगाम पीड़ितों से मिलने का वक्त नहीं...'
यह सवाल करते हुए कि क्या प्रधानमंत्री मोदी एक चुटकी सिंदूर की कीमत समझते हैं, रेणुका चौधरी ने कहा, "प्रधानमंत्री ने हाल ही में आठ अलग-अलग देशों का दौरा किया, लेकिन उन्हें पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों से मिलने का वक्त नहीं मिला. वह उनसे मिलेंगे नहीं, वह उनका ज़िक्र तक नहीं करेंगे."
नरेंद्र मोदी सरकार को असंवेदनशील बताते हुए, रेणुका चौधरी ने सवाल उठाया कि गुरदासपुर, पठानकोट, उरी और अन्य जगहों पर हुए आतंकी हमलों के मामले में केंद्र की 'राजनीतिक इच्छाशक्ति' का क्या हुआ?
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मंगलवार को लोकसभा में दिए गए अपने जोशीले स्पीच में, नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमलों के मास्टरमाइंडों को दंडित करने का भारत का संकल्प केवल 22 मिनट में पूरा हो गया, जिससे देश की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन हुआ. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सेना को हमले का वक्त और जगह चुनने की पूरी आजादी दी गई थी.
मंगलवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने केंद्र के दावों को दोहराया कि पाकिस्तान ने भारत के साथ सीजफायर की अपील की थी और किसी भी विश्व नेता से आतंकवाद विरोधी अभियान, ऑपरेशन सिंदूर को रोकने के लिए नहीं कहा गया था.
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