PAK को खुफिया जानकारी देता है चीन, मेरी बात सुनी होती तो विमान नहीं गिरते: संसद में बोले राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि कल सैम मानेकशॉ को कोट किया गया. इंदिरा जी से सैम मॉनेकशॉ ने कहा कि हम अभी ऑपरेशन नहीं कर सकते. हमें छह महीने का समय चाहिए, गर्मियों में करेंगे. इंदिरा जी ने पूरा समय दिया था. उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री ने सदन में कहा कि हमने 1:35 पर पाकिस्तान को यह बताया कि हमने आतंकी ठिकानों पर हमला किया है. यह एस्केलेटरी नहीं थी. अब कोई एस्केलेशन नहीं होना चाहिए. आपने 30 मिनट में ही पाकिस्तान के सामने सरेंडर कर दिया.

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लोकसभा में राहुल गांधी ने केंद्र पर निशाना साधा लोकसभा में राहुल गांधी ने केंद्र पर निशाना साधा

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 6:21 PM IST

संसद के मानसून सत्र में मंगलवार को भी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर जोरदार बहस जारी रही. लोकसभा में जहां गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष को घेरा तो वहीं राज्यसभा में विपक्ष के बड़े नेताओं ने सरकार से जवाब मांगा. इस बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सीधा आरोप लगाया कि पाकिस्तान को खुफिया जानकारी चीन से मिलती है और अगर सरकार ने उनकी बात पहले मानी होती तो भारत के लड़ाकू विमान नहीं गिरते.

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विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पहलगाम हमले को क्रूर बताते हुए कहा कि जो हुआ, वह गलत हुआ. सभी ने इसकी निंदा की. हम चट्टान की तरह चुनी हुई सरकार के साथ खड़े रहे. हम पहलगाम हमले के बाद नरवाल साहब के घर गए, उनका बेटा नेवी में था. यूपी में भी पीड़ित परिवार से मिलने गए. कश्मीर में भी पीड़ित परिवार से मुलाकात की. सेना को पूरी आजादी देनी होती है. राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत होती है. सेना के उपयोग के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति जरूरी है. 1971 में तब की प्रधानमंत्री ने अमेरिका की परवाह नहीं की. एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों ने सरेंडर किया.

राहुल गांधी ने कहा कि कल सैम मानेकशॉ को कोट किया गया. इंदिरा जी से सैम मॉनेकशॉ ने कहा कि हम अभी ऑपरेशन नहीं कर सकते. हमें छह महीने का समय चाहिए, गर्मियों में करेंगे. इंदिरा जी ने पूरा समय दिया था. उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री ने सदन में कहा कि हमने 1:35 पर पाकिस्तान को यह बताया कि हमने आतंकी ठिकानों पर हमला किया है. यह एस्केलेटरी नहीं थी. अब कोई एस्केलेशन नहीं होना चाहिए. आपने 30 मिनट में ही पाकिस्तान के सामने सरेंडर कर दिया. यह बता दिया कि आपके पास लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं है. सरकार ने पायलट्स के हाथ-पांव बांध दिए.

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'दम है तो पीएम बोलें ट्रंप झूठ बोल रहे'

राहुल गांधी ने कहा कि भारत सरकार ने गलती की है. हमारी किसी से लड़ाई हुई है और हम उससे कहें कि भैया अब ठीक है, हम लड़ाई नहीं चाहते. हमने आपको एक थप्पड़ मारा है, दूसरा थप्पड़ नहीं मारेंगे. गलती सेना की नहीं, सरकार की थी. ट्रंप ने 29 बार कहा है कि हमने युद्ध रुकवाया. अगर दम है तो प्रधानमंत्री यहां सदन में यह बोल दें कि वह झूठ बोल रहे हैं. इंदिरा गांधी का 50 परसेंट भी करेज होगा उनमें तो यहां बोल देंगे. अगर सचमुच में दम है तो पीएम को यहां कह देना चाहिए कि डोनाल्ड ट्रंप झूठ बोल रहा है. एक नई चीज चली है, नया शब्द चला है- न्यू नॉर्मल. विदेश मंत्री ने यहां इस्तेमाल किया. भाषण में उन्होंने कहा कि सभी इस्लामिक देशों ने निंदा की है, लेकिन यह नहीं बताया कि पहलगाम के बाद एक भी देश ने पाकिस्तान की निंदा नहीं की. हर देश ने आतंकवाद की निंदा की.

चीन-पाकिस्तान का गठजोड़ खतरा: राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि सीडीएस अनिल चौहान ने गलती मानी. पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड आसिम मुनीर है. वह ट्रंप के साथ लंच कर रहा था. ट्रंप ने कहा कि मैं वॉर में नहीं जाने के लिए धन्यवाद कहना चाहता था. यह न्यू नॉर्मल है. एक और न्यू नॉर्मल है कि कोई भी आतंकी घटना एक्ट ऑफ वॉर मानी जाएगी. मतलब आपने पूरी की पूरी पावर आतंकियों को दे दी कि भैया आपको युद्ध चाहिए न, एक अटैक कर दो युद्ध हो जाएगा.

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उन्होंने कहा कि भारतीय विदेश नीति के लिए बड़ी चुनौती चीन और पाकिस्तान का गठजोड़ है. मेरी बात समझ गए होते तो विमान नहीं गिरते. यह समझ रहे थे कि ये लड़ाई पाकिस्तान से है. जल्दी समझ आ गया कि यह लड़ाई पाकिस्तान और चीन के साथ है. चीन क्रिटिकल जानकारियां पाकिस्तान को दे रहा था. मुझ पर विश्वास नहीं है, जनरल राहुल सिंह ने कहा है कि पाकिस्तान को चीन से लाइव बैटल फील्ड फीड मिल रही थी. विदेश मंत्री कल कह रहे थे कि टू फ्रंट वॉर अब पुराना कॉन्सेप्ट हो गया है.

राहुल गांधी ने कहा कि चीनी सहायता से पाकिस्तानी एयरफोर्स का ट्रांसफॉर्म हो रहा है. चीन और पाकिस्तान की सेना एक है. पाकिस्तान के अधिकारी चीन में ट्रेनिंग ले रहे हैं. यह इस समय खतरनाक है. यह देश के लिए खतरनाक है. सेना का इस्तेमाल आजादी के साथ राष्ट्रहित में होना चाहिए. प्रधानमंत्री सेना का इस्तेमाल अपनी इमेज के लिए कर रहे हैं. भारत का लक्ष्य चीन-पाकिस्तान को अलग करना होना चाहिए. एक देश ने पाकिस्तान की निंदा नहीं की, यह विदेश नीति का फेल्योर है. यह लोगों का माइंडसेट बताता है. रक्षा मंत्री एक बार भी चीन का नाम नहीं लिया.

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