क्या राजनयिक पैकेजों की जांच कर सकती है सरकार? SC का केंद्र से सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या वह कानूनी रूप से राजनयिक छूट प्राप्त राजनयिक पैकेजों को स्कैन करने और सर्च करने की हकदार है. सुप्रीम कोर्ट केरल सोना तस्करी मामले में सुनवाई कर रही थी.

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सुप्रीम कोर्ट. (फाइल फोटो) सुप्रीम कोर्ट. (फाइल फोटो)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 03 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 3:05 PM IST

क्या केंद्र सरकार कानूनी रूप से राजनियक छूट प्राप्त राजनयिक पैकेजों को स्कैन करने और सर्च करने की हकदार है? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से ये सवाल किया है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट 2020 के केरल सोना तस्करी मामले को केरल से कर्नाटक ट्रांसफर करने की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. इस मामले में ईडी ने स्वप्ना सुरेश को मुख्य आरोपी बनाया है.

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यह मामला तिरुवनंतपुरम में संयुक्त अरब अमीरात के महावाणिज्य दूतावास के लिए भेजे गए एक राजनयिक कार्गो से तस्करी किए गए 30 किलोग्राम सोने की जब्ती के बाद शुरू हुआ था. अदालत ने ईडी से मौखिक रूप से पूछा कि ऐसे कार्गो की जांच की प्रक्रिया क्या होती है?

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि अगर भारत सरकार किसी राजनयिक पैकेज को स्कैन करना चाहती है, तो इसकी प्रक्रिया क्या है? क्या यह किया जा सकता है? पता करें. इसमें कोई छूट या रियायत है या नहीं?

ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने कहा कि वह इसका पता लगाएंगे. जल्दी ही इस बाबत अदालत को पूरी जानकारी देंगे. एएसजी ने कहा कि प्रथम दृष्टया अगर इसका इस्तेमाल किसी अपराध के लिए किया जाता है तो यह हो सकता है. तब यह महज एक राजनयिक पैकेज बनकर नहीं रह जाता.

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