प्रदर्शनकारी की मौत की अफवाह, बांग्लादेश से सबक लेने की अपील... नए वक्फ कानून पर मुर्शिदाबाद में कैसे हुई हिंसा?

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधित अधिनियम के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी. जांगीपुर के पीडब्ल्यूडी ग्राउंड में आयोजित रैली में भड़काऊ बयानबाजी हुई, जिसके बाद राष्ट्रीय राजमार्ग 12 बाधित किया गया. एक अफवाह के चलते प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिसमें दावा किया गया कि एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी.

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मुर्शिदाबाद में हिंसा की तस्वीर मुर्शिदाबाद में हिंसा की तस्वीर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 2:02 PM IST

वक्फ संशोधित अधिनियम के खिलाफ पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बीते दिनों विरोध-प्रदर्शन हुए, जहां बाद में हिंसा हो गई. प्रदर्शन जांगीपुर के पीडब्ल्यूडी ग्राउंड में आयोजित किया गया, जहां दावा है कि उकसावे वाली बयानबाजी की गई थी. पुलिस के मुताबिक, अफवाह के चलते प्रदर्शन हिंसक हो गया और राष्ट्रीय राजमार्ग 12 को बाधित किया गया.

रैली की वीडियो से पता चलता है कि PWD ग्राउंड में प्रदर्शन के दौरान उकसावे वाली बातें की गईं. इस रैली का आयोजन इमाम मोअज्जिन एसोसिएशन ने किया था, जिसमें एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स (APDR) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) जैसे संगठनों ने समर्थन किया.

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एक प्रदर्शनकारी की मौत की फैली थी अफवाह!

पश्चिम बंगाल पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, रैली उस समय हिंसक हो गई जब प्रदर्शनकारियों ने NH-12 कि जाम कर दिया और पुलिस ने सड़क साफ करने की कोशिश की. दावा है कि इलाके में यह अफवाह फैल गई थी कि प्रदर्शन के दौरान एक प्रदर्शनकारी मारा गया है, या घायल हो गया है - जिसके बाद कथित रूप से हिंसा भड़क गई थी.

भाषण में बांग्लादेश में हुए तख्तापलट का जिक्र किया गया जिसमें दावा है कि भीड़ को धार्मिक रूप से उकसाने की कोशिश की गई. वहां यह भी कहा गया कि दिल्ली में एक तिहाई मुस्लिम जनसंख्या के विरोध प्रदर्शन से सड़के जाम की जा सकती हैं.

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हमें बांग्लादेश से सीखना चाहिए- राहुल चक्रवर्ती

APDR के राहुल चक्रवर्ती को कहते हुए देखा गया, "हमें बांग्लादेश से सीखना चाहिए कि कैसे बीजेपी की बी-टीम शेख हसीना को राजनीतिक मंच से हटाया गया." अन्य उकसावे वाले भाषणों में कहा गया, "इस बार उन्होंने मधुमक्खी के छत्ते पर हमला किया है और हम मधुमक्खियों की तरह आक्रामक हो गए हैं, मोदी और शाह को डंक मारने के लिए तैयार हैं जब तक वे देश छोड़ नहीं देते."

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प्रदर्शनकारियों ने बाबरी मस्जिद का मुद्दा उठाते हुए कहा, "बाबरी मस्जिद को लिया गया, हम चुप रहे. मुसलमानों पर अत्याचार किया गया, हम चुप रहे, लेकिन अब, एक सोता हुआ बाघ जाग गया है." कथित रूप से वक्फ बिल के विरोध में कहा गया कि "यह विरोध खून की मांग करता है, और हम उसे देने के लिए तैयार हैं."

2026 के चुनाव को लेकर अल्टीमेटम

प्रदर्शनकारियों ने सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) को भी निशाने पर लिया था. 2026 में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों को वक्फ बिल के खिलाफ खड़े होने वाले प्रत्याशी की जीत पर निर्भर माना गया. SDPI के मुर्शिदाबाद जिला अधिकारी जाकिर हुसैन ने कहा, "2026 में याद रखें किस पार्टी ने वक्फ चर्चा के दौरान संसद में मुसलमानों के समर्थन में खड़े हुए. उन्हें वोट दें."

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