ढाई दशक तक खून, आग और दहशत का इतिहास लिखने वाला नक्सली हिडमा का अंत

सुरक्षाबलों ने आंध्र प्रदेश के मारेडुमिली जंगलों में 1.80 करोड़ रुपये के इनामी नक्सली कमांडर माड़वी हिडमा को मार गिराया है। इस ऑपरेशन में हिडमा की पत्नी राजे समेत छह नक्सली मारे गए। हिडमा नक्सली संगठन का सबसे क्रूर और प्रभावशाली सैन्य कमांडर था जिसने दशकों तक बस्तर और दंडकारण्य में कई बड़े हमलों को अंजाम दिया.

Advertisement
सुरक्षाबलों की कार्रवाई में 1.80 करोड़ का इनामी नक्सली ढेर. (File Photo: ITG) सुरक्षाबलों की कार्रवाई में 1.80 करोड़ का इनामी नक्सली ढेर. (File Photo: ITG)

जितेंद्र बहादुर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 19 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:11 PM IST

बस्तर के जंगलो में ढाई दशक से खून, आग और दहशत का पर्याय बना नक्सली माड़वी हिडमा अब इतिहास बना चुका है. सुरक्षाबलों ने एक स्पेशल ऑपरेशन में मंगलवार सुबह आंध्र के मारेडुमिली के घने जंगलों में 1.80 करोड़ रुपये के इनामी नक्सली कमांडर हिडमा मार गिराया. सुरक्षाबलों ने हिडमा के साथ-साथ उनकी पत्नी राजे उर्फ राजक्का (40 लाख इनामी) और चार अन्य नक्सलियों को भी ढेर कर दिया है. सुरक्षाजवानों ने बताया कि हिडमा नक्सल इतिहास का सबसे क्रूर और सबसे प्रभावशाली सैन्य कमांडर था.

Advertisement

सुरक्षाबलों ने कहा कि ये वही इलाका था, जहां एक दिन पहले (सोमवार) को 7 नक्सलियों को मार गिराया गया था और शीर्ष नक्सली नेता देवजी के मारे जाने की खबर आई थी. पिछले हफ्ते विजयवाड़ा-विशाखापट्टनम क्षेत्र से 31 नक्सलियों की गिरफ्तारी, जिनमें देवजी के 7 बॉडीगार्ड थे, उनकी निशानदेही और खुफिया इनपुट के आधार पर ये लगातार तीसरा बड़ा झटका नक्सल संगठन को लगा है.

CRPF और पुलिस की संयुक्त टीम ने की कार्रवाई

प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस ऑपरेशन के दौरान आंध्र प्रदेश पुलिस की ग्रेहाउंड्स, ओडिशा SOG और CRPF की संयुक्त टीमों ने जंगलों में कसी हुई घेराबंदी की थी. सुबह जैसे ही नक्सली दस्ता नजर आया, मुठभेड़ शुरू हो गई और कुछ ही मिनटों में लाल आतंक का सबसे बड़ा चेहरा हमेशा के लिए खत्म कर दिया.

Advertisement

हिडमा ने इन घटनाओं को दिया अंजाम

सुरक्षाबलों ने बताया कि हिडमा नक्सली संगठन का सबसे प्रभावशाली और क्रूर चेहरा माना जाता था. वह पवर्ती गांव (जगरगुंडा, सुकमा) का रहने वाला था और कम उम्र में ही संगठन से जुड़ गया था. उसने तीन दशकों में बस्तर और दंडकारण्य में सबसे बड़े और दर्दनाक हमलों को अंजाम दिया- 2007 का रानीबोदली हमला (55 जवान शहीद), 2010 का ताड़मेटला कांड (76 जवान शहीद), 2013 का झीरम घाटी कांड (32 नेताओं की हत्या), 2017 बुरकापाल हमला (25 जवान शहीद), 2020 चिंतागुफा हमला (17 जवान शहीद), 2021 टेकेलगुड़ुम हमला (22 जवान शहीद) इन सभी वारदातों में हिडमा की रणनीति और नेतृत्व की पुष्टि हुई थी. वह नक्सल संगठन में इकलौता बस्तरिया था, जिसे सेंट्रल कमेटी का सदस्य बनाया गया था. उसकी पत्नी राजे पर भी 40 लाख रुपये का इनाम था.

कई भाषाओं पर की हिडमा की पकड़

एजेंसी के अनुसार, कम पढ़ा-लिखा होने के बावजूद (पांचवीं तक पढ़ाई), हिडमा की कोया, गोंडी, हल्बी, दोरला, हिंदी, छत्तीसगढ़ी और तेलुगु भाषाओं पर मजबूत पकड़ थी जो उसे जंगल के विभिन्न इलाकों में कैडर से जुड़ने और उन्हें नियंत्रित करने में मदद करती है. उसे नक्सली संगठन में 1991 में बाल संगठन सदस्यों के रूप में एंट्री की थी, लेकिन वह धीरे-धीरे नक्सली संगठन की सबसे खतरनाक सैन्य यूनिट का शीर्ष कमांडर बन गया.

Advertisement

सुरक्षाबलों के निशाने पर ये बड़े नाम

उधर, हिडमा की मौत को सुरक्षा एजेंसियां नक्सल नेटवर्क पर सबसे गंभीर प्रहार मान रही है. एजेंसी का मानना है कि हिडमा के मारे जाने के बाद बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों की क्षमताओं को भारी नुकसान हुआ है और शीर्ष नेतृत्व में बड़ी टूट है. अब एजेंसियों के निशाना ने पर गणपति, मल्लाराजी रेड्डी, रामदेव, देवजी, बारसे देवा, मिसिर बेसरा, केसा, पापा राव और दामोदर जैसे टॉप नक्सली कमांडर हैं.

सीएम ने दी प्रतिक्रिया

वहीं, सुरक्षाबलों के ऑपरेशन पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, हिडमा का अंत बस्तर के लिए एक निर्णायक मोड़ है. ये सफलता बताती है कि नक्सल हिंसा अब खत्म होने की कगार पर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के मजबूत नेतृत्व ने इस पूरे ऑपरेशन को एक नई दिशा दी है. बस्तर अब संघर्ष नहीं, बल्कि स्थायी शांति, सुरक्षा और विकास की ओर बढ़ रहा है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement