सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी. केजरीवाल को एक जून तक के लिए अंतरिम जमानत दी गई है. उन्हें दो जून को कोर्ट के समक्ष सरेंडर करना होगा.
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने केजरीवाल की अंतरिम जमानत की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि केजरीवाल को मार्च में गिरफ्तार किया गया था. उनकी गिरफ्तारी उससे पहले या बाद में भी हो सकती थी. अब, 21 दिन बाद कोई फर्क नहीं पड़ेगा. दो जून को केजरीवाल को सरेंडर करना होगा.
पीठ ने कहा कि चुनावों से 48 घंटे पहले हम केजरीवाल को पर्याप्त समय दे रहे हैं. केजरीवाल के चुनाव प्रचार पर कोई पाबंदी नहीं है.
केजरीवाल केस में अब तक क्या-क्या हुआ?
21 मार्च- अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को दिल्ली में उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था.
22 मार्च- केजरीवाल ने अपनी जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली थी.
22 मार्च- ईडी ने केजरीवाल को राउज एवेन्यू कार्ट में पेश किया.
22 मार्च- दिल्ली के सीएम केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट ने 6 दिन (28 मार्च) की ईडी की रिमांड पर भेज दिया.
27 मार्च- शराब घोटाले मामले में केजरीवाल को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली. कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ ईडी को जवाब दाखिल करने के लिए 2 अप्रैल तक का समय दिया.
28 मार्च- राउज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की हिरासत की अवधि एक अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी.
1 अप्रैल- दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को 15 दिन के लिए तिहाड़ भेज दिया गया था.
3 अप्रैल- दिल्ली हाईकोर्ट में 3 अप्रैल को सुनवाई हुई. तब कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
9 अप्रैल- हाईकोर्ट ने कहा था कि शराब घोटाले केस में केजरीवाल की गिरफ्तारी सही है.
9 अप्रैल- दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल की तरफ से जेल में वकीलों से हफ्ते में पांच बार मुलाकात की मांग वाली याचिका खारिज कर दी.
10 अप्रैल- केजरीवाल ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ 10 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. उन्होंने मामले पर तुरंत सुनवाई और उन्हें जल्द से जल्द रिहा करने की मांग की थी.
15 अप्रैल- दिल्ली के सीएम केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने त्वरित राहत देने से इनकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में ईडी को नोटिस जारी कर 24 अप्रैल तक जवाब देने का निर्देश दिया था.
22 अप्रैल- दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए इलाज की याचिका कोर्ट ने की खारिज.
23 अप्रैल- राउज एवेन्यू कोर्ट कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत की अवधि 7 मई तक बढ़ा दी.
29 अप्रैल- सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल की याचिका पर 29 अप्रैल को सुनवाई हुई.
30 अप्रैल- सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग समेत कई सवालों पर ईडी से जवाब मांगा था.
3 मई- सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा था कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर विचार किया जा सकता है, ताकि वे कैंपेन में हिस्सा ले सकें.
7 मई- सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. सात मई को हुई सुनवाई में लंच से पहले तक कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत की शर्तें तय कर ली थीं.
9 मई- ईडी ने केजरीवाल की जमानत का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था. केजरीवाल की लीगल टीम ने ईडी के हलफनामे पर आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में शिकायत दर्ज कराई थी.
10 मई- सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने एक जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी. उन्हें 2 जून को हर हाल में सरेंडर करने को कहा गया है.
21 मार्च से जेल में हैं केजरीवाल
दिल्ली के कथित शराब घोटाले में ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. इससे पहले ईडी ने उन्हें मामले में पूछताछ के लिए 9 समन जारी किए थे. हालांकि, केजरीवाल किसी भी समन पर पेश नहीं हुए थे. केंद्रीय जांच एजेंसी का आरोप है कि वह घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता थे और सीधे तौर पर शराब कारोबारियों से रिश्वत मांगने में शामिल थे. इन आरोपों को खारिज करने वाली AAP कहती रही है कि दिल्ली में कोई नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा और मुख्यमंत्री केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाएंगे.
ईडी ने अब तक 18 आरोपियों को किया है गिरफ्तार
इस मामले में ईडी ने अब तक 18 लोगों को गिरफ्तार किया है. कुछ समय पहले आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को जमानत मिल गई थी. ईडी के सूत्रों ने कहा कि एजेंसी केजरीवाल पर अपनी जांच में सहयोग नहीं करने और AAP द्वारा किए गए अपराध के लिए परोक्ष रूप से उत्तरदायी होने, पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक होने और उनकी भूमिका और रोजमर्रा के मामलों में AAP के कामकाज में सक्रिय भागीदारी के आरोप लगा सकती है.
संजय शर्मा