'लड़कर जीतने का दम नहीं इसीलिए...', दिल्ली ब्लास्ट का जिक्र कर जनरल द्विवेदी ने PAK को चेताया

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि पाकिस्तान अब जान चुका है कि वह भारत को सीधे युद्ध में नहीं हरा सकता, इसलिए वह प्रॉक्सी वॉर के जरिए भारत में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहा है और दिल्ली का धमाका उसी रणनीति का हिस्सा था.

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जनरल द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि तकनीक ने युद्ध का रूप ही बदल दिया है. (File Photo: PTI) जनरल द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि तकनीक ने युद्ध का रूप ही बदल दिया है. (File Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:50 AM IST

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शनिवार को NDIM (New Delhi Institute of Management) के दीक्षांत समारोह में कहा कि पाकिस्तान अब जान चुका है कि वह भारत को सीधे युद्ध में नहीं हरा सकता, इसलिए वह प्रॉक्सी वॉर के जरिए भारत में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में हुआ धमाका भी उसी कोशिश का हिस्सा था.

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'प्रॉक्सी वॉर का सहारा ले रहा पाकिस्तान'

जनरल द्विवेदी ने कहा, 'पाकिस्तान अब यह समझ चुका है कि वह भारत को सीधे युद्ध में हरा नहीं सकता. इसलिए वह प्रॉक्सी वॉर और झूठी लड़ाई के जरिए भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है. दिल्ली में हुआ धमाका भी उसकी इसी कोशिश का एक हिस्सा था, ताकि वह अपनी मौजूदगी दिखा सके. लेकिन मुझे खुशी है कि आज भारत बदल चुका है. भारत ने इन सारी गतिविधियों को पहले ही भांप लिया और समय रहते ऑपरेशन चलाए. उनकी नीयत भारत के हर कोने में बम धमाके करने की थी और हमारे कई शहर, जिनमें मुंबई भी शामिल है, उनके निशाने पर थे.'

'कई साल की तैयारियों का नतीजा था ऑपरेशन सिंदूर'

जनरल द्विवेदी ने शनिवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर एक ऐसा ‘भरोसेमंद ऑर्केस्ट्रा’ था, जिसमें हर सदस्य ने एक साथ और पूरी तालमेल के साथ अपनी भूमिका निभाई. इसी तालमेल की वजह से भारतीय सशस्त्र बल सिर्फ 22 मिनट में नौ आतंकी ठिकानों को तबाह करने में सफल रहे.

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उन्होंने कहा कि यह सैन्य अभियान बदलती स्थिति को पहले से भांपने की भारतीय क्षमता का उदाहरण था. यह कोई तत्काल लिया गया फैसला नहीं था, बल्कि 'कई वर्षों तक इस बात की कल्पना करने का परिणाम था कि कैसे इंटेलिजेंस, सटीकता और टेक्नोलॉजी एक साथ मिलकर कार्रवाई में बदल सकते हैं.'

88 घंटे चला संघर्ष

भारत ने यह सैन्य अभियान 7 मई की सुबह शुरू किया था और पाकिस्तान तथा पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में बने कई आतंकी ढांचों को ध्वस्त कर दिया था. पाकिस्तान ने भी भारत पर हमले किए थे, जिसके जवाब में भारत की सभी बाद की कार्रवाइयां भी ऑपरेशन सिंदूर के तहत ही की गईं. दो परमाणु-संपन्न देशों के बीच लगभग 88 घंटे तक चला यह संघर्ष 10 मई की शाम दोनों पक्षों के बीच समझौता होने के बाद थम गया.

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