दिल्ली कार ब्लास्ट के बाद अब अहमदाबाद शहर में सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता बढ़ा दी है. संभावित आतंकी गतिविधियों और अपराध रोकने के लिए शहर में पहली बार गैरेज, वर्कशॉप और सर्विस सेंटरों को कड़े नियमों का पालन करने का आदेश दिया गया है.
अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर जीएस मलिक द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार अब किसी भी वाहन को रिपेयरिंग या बिक्री के लिए लेने से पहले उसका और मालिक का पूरा रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा.
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पुलिस के आदेश के मुताबिक, हर गैरेज और वर्कशॉप को एक विस्तृत रजिस्टर में वाहन से जुड़ी सभी जानकारी दर्ज करनी होगी. इसमें वाहन का प्रकार, कंपनी, रजिस्ट्रेशन नंबर, इंजन नंबर, चेसिस नंबर, मालिक का नाम-पता, मोबाइल नंबर, आईडी कार्ड की प्रति, वाहन आने-जाने की तारीख और वाहन लाने-ले जाने वाले व्यक्ति की पहचान शामिल होगी. जांच के दौरान यह डेटा पुलिस के साथ साझा करना अनिवार्य होगा.
सर्विस सेंटर्स को सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश
इसके अलावा सभी सर्विस सेंटर्स को एंट्री और एग्ज़िट गेट पर सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे और कम से कम 30 दिनों की रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखनी होगी. पुलिस का कहना है कि शहर में दूसरे राज्यों और जिलों से बड़ी संख्या में लोग काम के सिलसिले में आते हैं, जिसके कारण चोरी, लूट, चैन स्नैचिंग जैसे अपराधों की घटनाएं बढ़ रही हैं. कई बार अपराधी अपराध करने के बाद वाहनों के मॉडिफिकेशन या रिपेयरिंग के लिए उन्हें गैरेज में खड़ा कर देते हैं, जिससे मामलों को सुलझाने में कठिनाई आती है.
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संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए अहम!
नोटिफिकेशन में बताया गया है कि संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी रखने और अपराध रोकने के लिए यह आदेश जरूरी था. पुलिस के अनुसार, वाहन रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता से अपराध में इस्तेमाल किए गए वाहनों तक तेजी से पहुंच बन सकेगी. आदेश का उल्लंघन करने पर अनआर्म्ड हेड कांस्टेबल से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक को बीएनएस की धारा 223 के तहत कार्रवाई का अधिकार दिया गया है.
अतुल तिवारी