शिवसेना (शिंदे) के उपनेता और प्रवक्ता संजय निरुपम ने शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत से नेपाल हिंसा से जोड़कर दिए बयान के लिए माफी मांगने की मांग की थी. उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर राउत ने 24 घंटे के भीतर अपना बयान वापस नहीं लिया और माफी नहीं मांगी, तो हम उनके खिलाफ पुलिस कंप्लेन करेंगे.
24 घंटे की अवधि बीतने के बाद संजय निरुपम ने अब मुंबई पुलिस को शिकायत देकर संजय राउत के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने मुंबई पुलिस को दी गई शिकायत में कहा है कि किसी भी देश में हिंसा भड़काना अपराध है. संजय निरुपम ने संजय राउत के बयान के लिए उनके खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई की मांग की है.
उन्होंने यह भी कहा है कि अगर एक्शन नहीं हुआ, तो हम साइबर सेल में भी शिकायत दर्ज कराएंगे. संजय निरुपम ने अपनी शिकायत में कहा है कि नेपाल में पिछले दिनों भड़की हिंसा के कारण वहां की राजनीति में भारी-उथल मच गई थी. संजय निरुपम ने अपनी शिकायत में उल्लेख किया है कि यह हिंसा जेन-ज़ी (GenZ) युवाओं द्वारा भड़काई गई, ऐसा कहा गया.
संजय निरुपम ने अपनी शिकायत में कहा है कि नेपाल में हालात इतने बिगड़ गए कि वहां के प्रधानमंत्री को भागना पड़ा और पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी तक को जला दिया गया. उन्होंने यह भी कहा है कि अब भारत में विपक्ष की ओर से यह बयान दिया जा रहा है कि ऐसी ही हिंसा भारत में भी भड़क सकती है.
शिवसेना (शिंदे) के प्रवक्ता ने अपनी शिकायत में कहा है कि नेपाल की हिंसा के वीडियो का इस्तेमाल करते हुए यह टिप्पणी की जा रही है कि ऐसी स्थिति किसी भी देश में पैदा हो सकती है. संजय निरुपम ने मंबई पुलिस को दी गई शिकायत में कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए गए इस पोस्ट में बीजेपी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को टैग किया गया है.
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उन्होंने कहा है कि वित्त मंत्री का नाम इसलिए जोड़ा गया है, क्योंकि नेपाल के वित्त मंत्री को भी हिंसा के दौरान दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया था. संजय निरुपम ने कहा है कि ये सोशल मीडिया पोस्ट विपक्षी पार्टी के नेता संजय राउत ने किया है. वह युवाओं को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने अपनी शिकायत में यह भी कहा है कि विपक्ष को सरकार की आलोचना करने का पूरा हक है, लेकिन संविधान के दायरे में रहकर ही.
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शिवसेना (शिंदे) के प्रवक्ता ने आगे कहा है कि संजय राउत ने न सिर्फ यह बयान दिया है, बल्कि वह टेलीविजन पर आकर उसे जायज ठहराने की कोशिश भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि इस तरह का रवैया भारत के संवैधानिक मूल्यों और लोकतांत्रिक परंपराओं के खिलाफ है. आईपीसी की धारा 150 और अन्य प्रावधान यह कहते हैं कि किसी भी देश में हिंसा भड़काना अपराध है.
मुस्तफा शेख