मुंबई में हिंदी पढ़ाने का विरोध... मनसे कार्यकर्ताओं ने किताब फाड़कर जलाई, दुकानदारों को धमकाया

मुंबई में राज ठाकरे की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद भांडुप और कांजूरमार्ग इलाके में पार्टी कार्यकर्ताओं ने स्कूलों में हिंदी पढ़ाए जाने का विरोध किया. उन्होंने दुकान में जाकर हिंदी की किताबों को फाड़ा और उन्हें सरेआम आग के हवाले कर दिया. इस दौरान दुकानदारों को भी साफ शब्दों में चेताया कि अगर मराठी स्कूलों में हिंदी पढ़ाई गई तो वे चुप नहीं बैठेंगे और गंभीर अंजाम हो सकते हैं.

Advertisement
मनसे कार्यकर्ताओं ने जलाई किताब. (Video Grab) मनसे कार्यकर्ताओं ने जलाई किताब. (Video Grab)

मोहम्मद एजाज खान

  • मुंबई,
  • 21 जून 2025,
  • अपडेटेड 2:16 PM IST

मुंबई में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने एक बार फिर हिंदी का विरोध शुरू कर दिया है. यहां राज ठाकरे की पत्रकार वार्ता के तुरंत बाद भांडुप और कांजूरमार्ग इलाके में मनसे कार्यकर्ताओं ने हिंदी भाषा को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन किया. इसी के साथ स्कूलों में पढ़ाई जा रही हिंदी भाषा के खिलाफ नाराजगी जताई. उन्होंने इलाके की किताबों की दुकानों में जाकर हिंदी भाषा की स्कूल टेक्स्ट बुक्स को ढूंढ-ढूंढकर फाड़ा और बाद में उनमें आग लगा दी.

Advertisement

मनसे कार्यकर्ताओं का आरोप है कि राज्य के मराठी स्कूलों में जबरन हिंदी भाषा को थोपने की कोशिश की जा रही है, जो वे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे. विरोध प्रदर्शन के दौरान मनसे कार्यकर्ताओं ने दुकानदारों को भी साफ चेतावनी दी कि अगर मराठी स्कूलों में हिंदी की किताबें रखी गईं या बेची गईं, तो वे गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें.

यहां देखें Video

यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र में मराठी Vs हिंदी के मुद्दे पर गरमाई सियासत, फडणवीस ने किया बचाव तो राज ठाकरे ने जताई आपत्ति

यह मामला ऐसे समय में सामने आया है, जब राज्य में भाषा को लेकर पहले से ही संवेदनशीलता बनी हुई है. मनसे पहले भी मराठी भाषा और संस्कृति को लेकर कई आंदोलनों का हिस्सा रह चुकी है. हालांकि, इस बार पार्टी ने सीधे तौर पर शिक्षा के क्षेत्र को निशाना बनाते हुए यह संदेश दिया है कि मराठी अस्मिता के नाम पर वे किसी भी हद तक जा सकते हैं.

Advertisement

मनसे कार्यकर्ताओं ने किताब की दुकानों में जाकर हिंदी भाषा की बुक्स को ढूंढ-ढूंढकर फाड़ा और बाद में उन्हें जला दिया. कार्यकर्ताओं ने दुकानदारों को स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर मराठी स्कूलों में जबरन हिंदी पढ़ाई जाएगी तो हम चुप नहीं बैठेंगे. स्कूल शिक्षा की हिंदी किताबें दुकान में न रखी जाएं, वरना अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहो.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement