Exclusive: ठाणे में महिला ने ACP सहित कई बड़े अधिकारियों को हनीट्रैप में फंसाया, धमकी देकर करोड़ों की वसूली

महिला ने अधिकारियों को हनीट्रैप में फंसाकर, उन्हें बहकाकर और फिर उनके वीडियो बनाकर, छिपे हुए कैमरों के जरिए तस्वीरें लेकर और यहां तक कि मोबाइल वीडियो कॉलिंग के जरिए भी करोड़ों रुपये कमाए हैं.

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महिला के झांसे में फंसे टॉप अधिकारी (Photo: AI Generated) महिला के झांसे में फंसे टॉप अधिकारी (Photo: AI Generated)

दिव्येश सिंह

  • ठाणे,
  • 15 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 9:56 PM IST

महाराष्ट्र (Maharashtra) के ठाणे में एक मामला सामने आया है, जहां पर सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) लेवल के दो सीनियर पुलिस अधिकारियों को हनीट्रैप में फंसाया गया और फिर आरोप लगे कि उन्होंने ठाणे में एक ही महिला के साथ अलग-अलग मौकों पर रेप किया. रेप के कथित मामले दर्ज होने के बाद, शिकायतकर्ता ने दोनों अधिकारियों से संपर्क कर मामला निपटाने के लिए 40-40 लाख रुपये की मांग की. इसके बाद दोनों अधिकारियों ने महिला के खिलाफ ब्लैकमेल, धमकी और जबरन वसूली का मामला दर्ज कराया.

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मामले की जांच ठाणे की महिला एसीपी रैंक की अधिकारी को दी गई, जिन्होंने मामले की जांच शुरू की. जांच में पता चला कि यह पहली बार नहीं था कि महिला शिकायतकर्ता ने दो सीनियर पुलिस अधिकारियों के खिलाफ रेप का मामला दर्ज कराया था, बल्कि वह एक आदतन शिकायतकर्ता थी और जल्दी पैसा कमाने के लिए यह उसका तरीका था, जहां उसने जबरन वसूली के लिए आईपीएस अधिकारियों, नौकरशाहों और अन्य सीनियर सरकारी अधिकारियों को हनीट्रैप में फंसाया था.

महिला के खिलाफ सबूत ही सबूत

ठाणे पुलिस के एसीपी ने मामले की जांच के दौरान, उनके खिलाफ मामला दर्ज कराने वाली महिला के खिलाफ दर्ज मामलों के सबूत पेश किए. उन्होंने न केवल महिला के खिलाफ दर्ज मामलों की जानकारी पेश की, बल्कि उन मामलों का भी विवरण प्रस्तुत किया जहां महिला ने समान अधिकारियों, जो सभी सीनियर पदों पर थे, उनसे मांगी गई जबरन वसूली की रकम हासिल करने के बाद या तो अपना वादा तोड़ दिया था या समझौता कर लिया था.

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इंडिया टुडे टीवी ने महिला द्वारा तैयार किए गए उस डोजियर को हासिल करने में कामयाबी हासिल की, जिसे दोनों एसीपी द्वारा महिला के खिलाफ दर्ज मामले में सत्र न्यायालय और बॉम्बे हाई कोर्ट में पेश किया गया था. सेशन कोर्ट ने उसकी अग्रिम ज़मानत याचिका खारिज कर दी, लेकिन फिर उसे जबरन वसूली के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट से अंतरिम संरक्षण मिल गया.

झूठ, धोखे और फिर हनीट्रैप का जाल

इंडिया टुडे टीवी द्वारा प्राप्त डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक, महिला के शिकार लोगों की लिस्ट बहुत लंबी है और इसमें कई सीनियर आईपीएस अधिकारी, राज्य उत्पाद शुल्क विभाग के अधीक्षक स्तर के अधिकारी, जीएसटी विभाग के उपायुक्त और सहायक आयुक्त, स्कूल प्रधानाचार्य, नगर निगमों के डीएमसी और एएमसी, सीनियर पुलिस निरीक्षक, पुलिस निरीक्षक, एसीपी और कुछ मामलों में निचले लेवल के पुलिस अधिकारी और कुछ अन्य विभागों के अधिकारी भी शामिल हैं.

सूत्रों ने बताया कि महिला ने इन अधिकारियों को हनीट्रैप में फंसाकर, उन्हें बहकाकर और फिर उनके वीडियो बनाकर, छिपे हुए कैमरों के जरिए तस्वीरें लेकर और यहां तक कि मोबाइल वीडियो कॉलिंग के जरिए भी करोड़ों रुपये कमाए हैं. वह कपड़े उतार देती थी और अधिकारियों को कपड़े उतारने के लिए मजबूर करती थी, जबकि उन्हें पता नहीं होता था कि पूरा सीन स्क्रीन रिकॉर्डर या छिपे हुए कैमरे से रिकॉर्ड किया जा रहा है.

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महिला ऐसे रचती थी साजिश

आरोपी महिला के दस्तावेज़ में दर्ज मामलों के मुताबिक, वह खुद को एक ज़रूरतमंद महिला पुलिस कॉन्स्टेबल या होमगार्ड बताकर अधिकारियों से संपर्क करती थी. अधिकारियों से शुरुआती मुलाक़ात के बाद, वह व्हाट्सएप मैसेज, नियमित मीटिंग्स और कॉल के ज़रिए उनसे संपर्क करने की कोशिश करती थी.

इंडिया टुडे टीवी से बात करते हुए, नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि पुणे में एक आईपीएस अधिकारी को हनीट्रैप में फंसाने के एक मामले में, उसने एक होटल का कमरा बुक किया और अधिकारी को किसी मुद्दे पर बात करने के लिए मिलने बुलाया, फिर बाथरूम में खुद के कपड़े उतारे, तस्वीरें लीं और फिर अधिकारी को भी कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया और उनकी मुलाक़ातों का वीडियो बनाया. बाद में इसका इस्तेमाल उसे धमकाने और करोड़ों रुपये ऐंठने के लिए किया गया. सामाजिक कलंक के डर से अधिकारी ने शिकायत नहीं की और महिला की मांगों के आगे झुक गया.

एक अन्य मामले में उसने एक सीनियर आईपीएस अधिकारी से संपर्क किया और उसे बताया कि उसे अपने भाई की नौकरी के लिए मदद की ज़रूरत है और फिर उसने अधिकारी के लिए घर का बना खाना ले जाना शुरू कर दिया. आखिरकार, उसे एक व्हाट्सएप कॉल पर रिकॉर्ड किया, जहां उसने उसे कपड़े उतारने के लिए कहा और लाखों रुपये ऐंठे. 

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ऐसे ही एक अन्य केस में एक सीनियर अधिकारी को हनीट्रैप में फंसाया. अधिकारी की पत्नी ने उसके द्वारा मांगी गई जबरन वसूली की रकम का भुगतान कर दिया और फिर उससे उसके खिलाफ रेप का मामला आगे नहीं बढ़ाने की भीख मांगी.

पीड़ितों में आईपीएस अधिकारी, मध्यम स्तर के नौकरशाह और अन्य सरकारी अधिकारी शामिल हैं, जो सभी प्रमुख पदों पर रहे हैं. डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक, इस महिला के शिकार मुंबई, ठाणे, पुणे और नासिक के हैं, और इनकी संख्या और भी ज़्यादा हो सकती है. कई लोगों ने तो उसके खिलाफ कभी शिकायत ही नहीं की और उसकी जबरन वसूली की धमकियों के शिकार हो गए.
 

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