ठाणे कोर्ट का फैसला, नाबालिग बहन से बलात्कार के दोषी को 10 साल की जेल

महाराष्ट्र के ठाणे ज़िले की एक अदालत ने एक व्यक्ति को अपनी 15 वर्षीय बहन को कई बार धमकाने और बलात्कार करने के जुर्म में 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. कल्याण अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पीआरअष्टुरकर ने 32 वर्षीय आरोपी को 2015 में हुए अपराध के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2) (बलात्कार) और 506(2) (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी पाया.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

aajtak.in

  • ठाणे,
  • 12 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 12:52 PM IST

महाराष्ट्र के ठाणे ज़िले की एक अदालत ने एक व्यक्ति को अपनी 15 वर्षीय बहन को कई बार धमकाने और बलात्कार करने के जुर्म में 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इस बात की जानकारी एक पुलिस अधिकारी ने एक न्यूज एजेंसी को दी.

कल्याण अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पीआरअष्टुरकर ने 32 वर्षीय आरोपी को 2015 में हुए अपराध के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2) (बलात्कार) और 506(2) (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी पाया.

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2 जुलाई को पारित आदेश की एक प्रति शुक्रवार को उपलब्ध कराई गई. न्यायाधीश ने आरोपी पर 5000 रुपये का जुर्माना भी लगाया और पीड़िता को मुआवजे के रूप में यह राशि देने का आदेश दिया. विशेष लोक अभियोजक कादम्बिनी खंडागले ने अदालत को बताया कि डोंबिवली निवासी मज़दूर आरोपी ने अगस्त और सितंबर 2015 में दो बार अपनी नाबालिग बहन का यौन उत्पीड़न किया.

उस समय किशोरी आरोपी और उसके दूसरे भाई के साथ किराए के मकान में रह रही थी. दूसरे हमले के बाद पीड़िता ने एक दोस्त से मदद मांगी. जिसके माता-पिता ने उसे पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के लिए  कहा और इसके बाद 22 सितंबर, 2015 को प्राथमिकी दर्ज की गई.

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न्यायाधीश अष्टुरकर ने बचाव पक्ष की इस दलील को खारिज कर दिया कि लड़की ने हमले की कहानी गढ़ी थी और कहा कि चिकित्सा साक्ष्य स्पष्ट रूप से यौन उत्पीड़न के होने का संकेत देते हैं. लड़की की मौखिक गवाही ने निष्कर्षों की पुष्टि की. न्यायाधीश ने पीड़िता की कमज़ोरी और अपराध की विशिष्ट परिस्थितियों पर भी ज़ोर दिया.

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