लंका, रावण, रामभक्त और बैड बॉय तक पहुंची निकाय चुनाव की लड़ाई, महाराष्ट्र में शिंदे vs फडणवीस

महाराष्ट्र में हो रही शहरी निकाय चुनाव में सीएम फड़णवीस और एकनाथ शिंदे आमने-सामने है, क्योंकि कई सीटों पर बीजेपी और शिवसेना के बीच मुकाबला है. ऐसे में शिंदे और फड़णवीस के बीच जुबानी जंग भी तेज हो गई है और बात राम, रावण और लंका तक पहुंच गई है.

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सीएम देवेंद्र फडणवीस बनाम एकनाथ शिंदे की लड़ाई (Photo-PTI) सीएम देवेंद्र फडणवीस बनाम एकनाथ शिंदे की लड़ाई (Photo-PTI)

कुबूल अहमद

  • नई दिल्ली,
  • 28 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:31 AM IST

महाराष्ट्र की सत्ता भले ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे एक साथ मिलकर चला रहे हों, लेकिन शहरी निकाय चुनाव में दोनों नेता एक-दूसरे के सियासी दुश्मन की तरह नजर आ रहे हैं. बीजेपी और शिवसेना एक-दूसरे के खिलाफ निकाय चुनाव लड़ रहे हैं, जिसके चलते वे एक-दूसरे को मात देना चाहते हैं. ऐसे में उनके बीच जुबानी जंग भी लगातार तीखी होती जा रही है.

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राज्य की 246 नगर पालिकाओं और 42 नगर पंचायत चुनाव के लिए दो दिसंबर को मतदान है. इन 288 शहरी निकाय चुनाव में 6,859 पार्षद चुने जाने हैं और 288 नगर अध्यक्षों का भी चुनाव होना है. हालांकि, करीब 100 पार्षद पहले निर्विरोध चुने जा चुके हैं, जिसमें बीजेपी का पलड़ा भारी रहा.

महाराष्ट्र के 288 स्थानीय निकाय चुनाव के जरिए राजनीतिक दल कस्बे और छोटे शहरों में अपना कब्जा जमाना चाहते हैं, जिसके चलते महायुति के घटक दलों की दोस्ती सियासी दुश्मनी में बदल गई है. सीएम फडणवीस और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे के बीच शह-मात का खेल ही नहीं, बल्कि हमलावर भी हो गए हैं. इस तरह से शहरी निकाय चुनाव की लड़ाई 'लंका जलाने' से 'रावण, रामभक्त' और 'बैड ब्वॉय' तक पहुंच गई है.

दोस्त कैसे बन गए सियासी दुश्मन?

2024 लोकसभा चुनाव और उसके बाद हुए 2024 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी मिलकर लड़े थे. 2024 लोकसभा चुनाव में बहुत सफलता नहीं मिली, लेकिन विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन रहा और पूर्ण बहुमत से सरकार बनी.

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महाराष्ट्र में स्थानीय शहरी निकायों के चुनाव का ऐलान होते ही महायुति के तीनों दलों के बीच मनमुटाव हो गया है, क्योंकि कोई भी दल अपनी सियासी जमीन नहीं छोड़ना चाहता है. महायुति के तीनों दलों के कार्यकर्ता इन छोटे चुनावों में अपना भाग्य आजमा रहे हैं, जिसका दबाव भी उन पर है.

बीजेपी के कुछ नेताओं को शिंदे ने अपने साथ मिलाया तो कुछ शिवसेना नेताओं को फडणवीस ने बीजेपी के टिकट पर उतार दिया. इस तरह फडणवीस और एकनाथ शिंदे एक-दूसरे की घेराबंदी करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं. इतना ही नहीं, एक-दूसरे के खिलाफ खुलकर हमले भी कर रहे है

'लंका-रावण-रामभक्त' तक बात पहुंची

मुंबई से सटे पालघर में दहानू नगर परिषद चुनाव में बीजेपी और शिवसेना के बीच सीधी फाइट है. इसके चलते दोनों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है. पिछले हफ्ते दहानू में शिवसेना प्रत्याशी के लिए प्रचार करने पहुंचे एकनाथ शिंदे ने बीजेपी को अहंकारी, रावण जैसा बताते हुए कहा था कि रावण भी अहंकारी था, इसलिए उसकी लंका जली. दो दिसंबर को दहानू की जनता भी वैसा ही करेगी.

एकनाथ शिंदे ने कहा कि मैं सिर्फ ये कहना चाहता हूं कि आप एक अहंकारी के खिलाफ एक साथ आए हो. अहंकार में रावण की लंका जलकर खाक हो गई और 2 तारीख को आपको यही काम करना है. ऐसे में हमें विकास लाना है, भ्रष्टाचार को खत्म करना है. बीजेपी का नाम लिए बगैर जमकर हमले किए.

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मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उसी दहानू में एकनाथ शिंदे पर पलटवार किया है. शिंदे के रावण वाले तंज पर फडणवीस ने कहा कि जो लोग हमारे बारे में बुरा बोलते हैं, उन्हें नजरअंदाज करें। वे कह सकते हैं कि वे हमारी लंका जला देंगे, लेकिन हम तो लंका में नहीं रहते. हम राम के भक्त हैं, रावण के नहीं। चुनाव में ऐसी बातें होती हैं, इन्हें दिल पर न लें.

फडणवीस ने कहा कि हम जय श्री राम वाले लोग हैं. अयोध्या में धर्म ध्वजा फहरा दी गई है. हमारा उम्मीदवार भरत है और भरत राम का भाई। लंका तो वैसे भी भरत ही जलाएगा, अगर विकास विरोधी ताकतें सामने आएंगी. इस तरह फडणवीस ने शिंदे का नाम लिए बगैर तंज कसा और अपने कार्यकर्ताओं को सीधे संदेश दिया.,

महाराष्ट्र में क्यों शिंदे-फडणवीस आमने-सामने?

सीएम फडणवीस ने भले ही एकनाथ शिंदे का नाम नहीं लिया, लेकिन सियासी विश्लेषक इसे शिंदे बनाम फडणवीस के बीच जारी लड़ाई से जोड़कर देख रहे हैं. दहानू नगर परिषद सीट पर बीजेपी और शिवसेना की सीधी लड़ाई है, जिसके लिए फडणवीस और शिंदे के बीच जुबानी जंग चल रही है. शिंदे-फडणवीस की खटास नई नहीं है, लेकिन अब मंच से खुलकर दिखने लगी है, क्योंकि स्थानीय निकाय चुनाव को दोनों ने अपनी नाक का सवाल बना लिया है.

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कल्याण-डोंबिवली में फडणवीस ने शिंदे के बेटे श्रीकांत के करीबी नेता को बीजेपी में शामिल कर लिया. इसके जवाब में शिंदे ने भी बीजेपी के कई पार्षदों को अपने साथ मिलाकर चुनाव मैदान में उतार रखा है. शिंदे ने फडणवीस से नाराज होकर दिल्ली जाकर अमित शाह से शिकायत की. यानी स्थानीय चुनाव की गर्मी अब सीधे सत्ता के शीर्ष तक पहुंच गई है.

पालघर में मुकाबला भले ही स्थानीय हो, लेकिन भाषा और आरोपों का स्तर विधानसभा सरीखा हो गया है. दोनों ही नेता धार्मिक प्रतीकों-राम, रावण, लंका का इस्तेमाल कर रहे हैं. यह चुनाव रणनीति, मतदाताओं की भावनाओं को साधने और अपने-अपने वोटबेस को मजबूत करने की कोशिश है, लेकिन इससे महायुति के भीतर की खाई और भी खुलकर सामने आ गई है.

अबू आजमी ने राणे को 'बैड ब्वॉय' बताया

महाराष्ट्र में सपा के अध्यक्ष अबू आसिम आजमी ने बीजेपी नेता और फडणवीस सरकार में मंत्री नितेश राणे पर निशाना साधते हुए 'बैड ब्वॉय' कहा है. नितेश राणे ने पिछले दिनों कहा था कि हम मस्जिद में घुसेंगे और एक-एक कर सबको मारेंगे. कोंकण में सपा निकाय लड़ रही है, जो राणे के प्रभाव वाला इलाका माना जाता है. ऐसे में अबू आसिम आजमी ने कोंकण में प्रचार करते हुए नितेश राणे पर जमकर हमले किए। उन्होंने यहां तक कहा कि सरकार ने नफरती भाषण देने वालों को मंत्री बनाकर बैठाया है और उन्हें खुली छूट दे रखी है.

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नितेश राणे का नाम लिए बगैर अबू आजमी ने चार फीट हाइट, खराब दिमाग, 'बैड ब्वॉय' तक राणे को कह डाला. आजमी ने आगे कहा कि देश में नफरत का माहौल बनाया जा रहा है गाय और बैल जैसे मुद्दों पर लोगों को मारा जा रहा है. खुद को देश का वफादार, लेकिन सरकार का दुश्मन बताते हुए उन्होंने कहा कि प्यार और एकता का संदेश पहुंचाना उनकी जिम्मेदारी है. इस तरह नितेश राणे के गढ़ से निशाना साधकर सीधा संदेश देते नजर आए हैं.

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