झारखंड में कांग्रेस नेताओं की आपसी खींचतान जगजाहिर रही है. देश की सबसे पुरानी पार्टी में गुटबाजी का मामला रांची से निकल अब दिल्ली तक पहुंच गया है. कांग्रेस नेतृत्व अब झारखंड कांग्रेस की गुटबाजी को लेकर एक्शन में आ गया है. कांग्रेस नेतृत्व ने झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष के साथ ही पार्टी के तमाम विधायकों को दिल्ली तलब कर लिया है. दिल्ली तलब किए गए नेताओं की लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मुलाकात होनी है.
जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी झारखंड के नेताओं से प्रदेश कांग्रेस के नेताओं में चल रही खींचतान पर बात करेंगे, कार्यकलापों का हिसाब-किताब लेंगे. इस संबंध में झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा है कि विधायकों और नेताओं की राहुल गांधी के साथ मुलाकात रूटीन है. दो महीने पहले भी राहुल गांधी ने सभी को बुलाया था. उन्होंने कहा कि मुलाकात होगी तो जाहिर है कि बोर्ड और निगम समेत गठबंधन सरकार के प्रदर्शन, जल्द होने जा रहे निकाय चुनाव और अन्य विषयों पर भी बातचीत होगी.
हालांकि, इसे रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज अस्पताल यानी रिम्स के निदेशक को हटाने से संबंधित विवाद से भी जोड़कर देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि दिल्ली दरबार तक पहुंची शिकायतों के बाद नेतृत्व एक्टिव मोड में आ गया है और अब सुलह-समझौते का दौर शुरू हो गया है. दरअसल, रांची की कांके विधानसभा सीट से विधायक सुरेश बैठा ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के कहने पर रिम्स निदेशक को हटाने से संबंधित पत्र पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे.
यह भी पढ़ें: 'कांग्रेस के अंदर ही खरीद-फरोख्त चल रही है...', कर्नाटक में सीएम बदलने की अटकलों पर बोले प्रह्लाद जोशी
इरफान अंसारी ने सुरेश बैठा के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि इस तरह के फैसलों को लेकर सार्वजनिक मंच से सवाल उठाने से बचने चाहिए. इससे पार्टी और गठबंधन की छवि प्रभावित होती है. हालांकि, बैठा अपनी बात पर अड़े रहे और इरफान अंसारी की इस बात से भी असहमति जाहिर की. सुरेश बैठा और इरफान अंसारी के विवाद के बीच रिम्स-2 को लेकर बंधु तिर्की का विरोध भी कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा रहा है.
यह भी पढ़ें: 'कांग्रेस को आंख दिखा रहे, सीमांचल में जीत नहीं सके...', बिहार में सीट बंटवारे पर तेजस्वी पर भड़के पप्पू यादव
झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने रिम्स-2 के निर्माण को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए साफ कह दिया है कि हम इसकी इजाजत नहीं देंगे. उन्होंने स्पष्ट कहा कि हम अपने क्षेत्र में रैयतों की जमीन का अधिग्रहण करने के खिलाफ हैं.
सत्यजीत कुमार