कर्नाटक में इन दिनों मुख्यमंत्री बदलने जाने की अटकलों पर चर्चाएं तेज हो गई हैं. हाल में ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाक़ात करने के लिए दिल्ली आए हुए थे. हालांकि राहुल की ओर से उन्हें टाइम नहीं मिला और उन्हें बिना मुलाक़ात के ही कर्नाटक लौटना पड़ा. जब सिद्धारमैया दिल्ली में थे तो डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार भी दिल्ली में ही थी. उन्होंने भी राहुल से मुलाक़ात के लिए समय मांगा था. दोनों नेताओं को राहुल ने मिलने का समय नहीं दिया.
एक ओर जहां मुख्यमंत्री बदले जाने की अटकलों पर चर्चाएं हो रही हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस और बीजेपी एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.
कांग्रेस विधायक विजयानंद कशप्पनावर ने आरोप लगाया कि बीजेपी प्रदेश में सरकार गिराने की योजना बना रही है. इसके लिए उनके विधायकों के संपर्क में है. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी ने 55 विधायकों की सूची तैयार की है और उनपर सीबीआई-ईडी के छापों से डराकर पार्टी में शामिल करने की कोशिश हो रही है.
कांग्रेस के आरोपों को केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ख़ारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ख़ुद ही अपने विधायकों की ख़रीद-फरोख्त कर रही है. सिद्धारमैया और शिवकुमार ख़ुद ही अपने पक्ष में विधायकों को करने में लगे हैं और इसके लिए पैसों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है.
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उन्होंने कहा, 'कांग्रेस के विधायक ही बिकने को तैयार बैठे हैं. हमें किसी को खरीदने की ज़रूरत नहीं. बीजेपी का कोई प्लान नहीं है सरकार गिराने को लेकर. कांग्रेस को जनता का बहुमत मिला है. ऐसे में उन्हें पांच साल तक कार्यकाल पूरा करना चाहिए. अगर वह आपस में ही लड़ते हैं, जो इसका जिम्मेदार बीजेपी नहीं है'.
कांग्रेस विधायक विजयानंद ने आरोप लगाया कि पहले भी बीजेपी ने विधायकों की खरीद-फरोख्त की हैं और अब भी वही करने की कोशिश में जुटे हैं. मैं छापे और धमकी से डरने वाला नहीं. मैं बीजेपी में नहीं जाऊंगा.
बीजेपी का इस पूरे मुद्दे पर कहना है कि पार्टी के अंदर ही कलह चल रहा है. साथ ही पार्टी हाईकमान ने अपनी पकड़ खो दी है और अब बात आ गई है कि किसके पास ज्यादा विधायक हैं, वही मुख्यमंत्री बनेगा.
बता दें कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि वह अपना कार्यकाल पूरा करेंगे. उधर डीके शिवकुमार के समर्थकों का कहना है कि अगला मुख्यमंत्री वही होंगे.
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