झारखंड हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ी राहत देते हुए ईडी के समन से जुड़े अवमानना मामले में उन्हें ट्रायल कोर्ट (MP/MLA स्पेशल कोर्ट) में हर तारीख पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने से छूट दे दी है.
जस्टिस अनिल चौधरी की बेंच ने मुख्यमंत्री की याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे गुटखे पर निपटारा कर दिया. अब हेमंत सोरेन को हर सुनवाई में अदालत पहुंचने की जरूरत नहीं पड़ेगी. हालांकि, एक बार व्यक्तिगत रूप से पेश होना अनिवार्य रहेगा- इसके लिए उन्होंने 6 दिसंबर की तारीख ली है.
मामला प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जारी समन की तामील और उसकी अवहेलना से जुड़ा था. ट्रायल कोर्ट ने पहले मुख्यमंत्री को हर तारीख पर व्यक्तिगत हाजिरी का आदेश दिया था, जिसे हेमंत सोरेन ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
मुख्यमंत्री की ओर से महाधिवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता दीपंकर राय ने पैरवी की. कोर्ट ने उनके तर्कों को स्वीकार करते हुए व्यक्तिगत पेशी से स्थायी छूट प्रदान कर दी.
बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर आर्थिक अपराध निदेशालय (ED) के समन का उल्लंघन करने का आरोप था, जिसके चलते यह कानूनी प्रक्रिया शुरू हुई थी. अब हाईकोर्ट के इस आदेश से उनके ऊपर से एक बड़ी कानूनी बोझ हट गया है. ये फैसला राजनीतिक और विधिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
सत्यजीत कुमार