लाल किला ब्लास्ट की जांच आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और दिल्ली पुलिस का स्पेशल स्टाफ आज शनिवार को नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली के वजीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया पहुंचा. जांच एजेंसियों को पता चला है कि ब्लास्ट से पहले मुख्य संदिग्ध आतंकी प्रोफेसर उमर मोहम्मद इसी इलाके में आया था. अब सवाल यह है कि आखिर वह यहां किससे मिलने आया था और उसका उद्देश्य क्या था?
जांच अधिकारियों ने कहा कि उमर अपनी गाड़ी से वजीरपुर पहुंचा और एक टी-स्टॉल पर करीब 10 से 15 मिनट रुका था, लेकिन उसने न तो चाय पी और न ही कोई सामान खरीदा. थोड़ी देर खड़े रहने के बाद वह बिना कुछ बोले वापस चला गया. यह व्यवहार पुलिस को संदिग्ध लगा है- ब्लास्ट की घटना के बाद उसकी हर लोकेशन और हर मूवमेंट बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
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NIA और स्पेशल स्टाफ ने इंडस्ट्रियल एरिया के कई CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली है. जिस टी-स्टॉल पर उमर कुछ देर खड़ा रहा, वहां मौजूद दुकान संचालक प्रदीप कुमार से भी पूछताछ की गई. प्रदीप ने कहा कि उन्हें अंदाजा नहीं था कि यहां कौन खड़ा है. उन्होंने जांच एजेंसी को दुकान से जुड़ी हर जानकारी उपलब्ध कराई. दुकान संचालक प्रदीप कुमार ने कहा कि हमें शुरू में कुछ पता ही नहीं चला कि वह कौन है.
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प्रदीप ने कहा कि पुलिस ने CCTV की रिकॉर्डिंग दिखाई तो याद आया कि हां, यह आया था, 2-5 मिनट खड़ा रहा और फिर चला गया. उसने न चाय पी, न कुछ ऑर्डर किया. अकेला था. उन्होंने कहा कि दुकान पर रोजाना बहुत से ग्राहक आते हैं. सबका ध्यान भी नहीं रह पाता. प्रदीप ने कहा कि हम रोजाना सैकड़ों लोगों का आना-जाना देखते हैं. किसकी पहचान रखें? पुलिस ने जो पूछा, हमने सच-सच बता दिया. जिस आदमी की पूछताछ हो रही है, वह बस कुछ मिनट खड़ा रहा था.
इस पूरे मामले की जांच का मुख्य बिंदु यह है कि उमर वजीरपुर क्यों आया? क्या वह किसी से मिलने आया था? क्या कोई लोकल संपर्क उसका इंतजार कर रहा था? या उसने इलाके का कोई रीकॉन (reconnaissance) किया? अभी तक इन सवालों के स्पष्ट जवाब नहीं मिले हैं. पुलिस फिलहाल यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उस समय इलाके में उसके मोबाइल फोन की लोकेशन किससे मैच करती है.
पूरे एरिया में की जा रही टेक्निकल इनवेस्टिगेशन
जांच एजेंसियां अब वजीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया में मौजूद अन्य CCTV, मोबाइल टावर डेटा और स्थानीय नेटवर्क की जांच कर रही हैं. यह पता लगाने की कोशिश है कि उमर के साथ कोई अन्य संदिग्ध मौजूद था या उसने किसी से मुलाकात की कोशिश की. वजीरपुर आने का कारण अभी भले साफ न हो, लेकिन जांच एजेंसियां मान रही हैं कि ब्लास्ट से पहले उमर का हर कदम किसी न किसी मकसद से जुड़ा हो सकता है. इसीलिए इस इलाके की हर गतिविधि की पड़ताल की जा रही है.
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फरारी के वक्त दो मोबाइल का इस्तेमाल कर रहा था आतंकी उमर
जांच में यह भी सामने आया है कि जैश का आतंकी उमर मोहम्मद फरारी के वक्त दो मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा था. इस मामले से जुड़े CCTV में साफ नजर आ रहा है कि वह दो-दो मोबाइल फोन के साथ है. फरारी के दौरान 30 तारीख को उमर फरीदाबाद की एक मोबाइल शॉप पर बैठा हुआ नजर आ रहा है.
CCTV में आतंकी उमर एक बैग के साथ भी नजर आ रहा है. फिर बैग के अंदर से एक मोबाइल फोन निकालकर दुकानदार को दे रहा है. वहीं दूसरा मोबाइल उसके पास है. CCTV में दिख रहा है कि फोन चार्जिंग के दौरान उमर की बॉडी लैंग्वेज बता रही है कि वो परेशान है, घबराया हुआ है. लेकिन 10 तारीख को दिल्ली में एंट्री से पहले ही उमर ने यह फोन कहीं ठिकाने लगा दिए, क्योंकि लाल किला ब्लास्ट के वक्त उमर के पास मोबाइल नहीं था.
अरविंद ओझा / हर्षित मिश्रा