हाशिये पर जा चुकी दिल्ली कांग्रेस दो दिन का चिंतन शिविर कर रही है, ताकि संगठन को मजबूत किया जा सके. लेकिन संगठन की मजबूती को लेकर दिल्ली कांग्रेस के नेता कितने चिंतित हैं, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि चिंतन शिविर में ना तो पूर्व मंत्री नजर आए, ना ही कई सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष...
दिग्गज नेता शिविर से गायब
मौका था फर्श पर जा चुकी कांग्रेस को अर्श पर लाने के लिए चिंतन करने का, मौका था गुटबाजी को बातचीत कर खत्म करने का. लेकिन चिंतन करें तो करें किसके साथ. क्योंकि चिंतन शिविर में ना पूर्व मंत्री अजय माकन, ना अरविंद सिंह लवली, ना रामकांत गौसमी, ना किरण वालिया, ना मंगत राम सिंगल और ना ही पूर्व संसद संदीप दीक्षित, जय प्रकाश अग्रवाल, महाबल मिश्र, जगदीश टाइटलर, कृष्णा तीरथ के साथ-साथ इक्का दुक्का विधायक को छोड़ कोई नहीं पहुंचा.
हालांकि मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी इन नेताओं के नहीं पहुंचने पर बचाव करते नजर आए. उन्होंने कहा कि हो सकता है नेता पार्टी के कामों में व्यस्त होंगे. ये शिविर कार्यकर्ता के मनोबल को लेकर है ताकि कार्यकर्ता नेताओं के सामने अपनी बात रख सकें. लेकिन सवाल तो ये है कि जब नेता ही नहीं पहुंचे तो कार्यकर्ता अपनी बात, अपनी नाराजगी किसके सामने रखें.
नहीं मिला मजबूत उम्मीदवार
एक वक्त था जब दिल्ली में कांग्रेस के नेताओं की दिल्ली में तूती बोलती थी. जिस दिल्ली पर पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने 15 साल राज किया उस दिल्ली को लेकर कांग्रेस नेता शायद चिंतन भी करना सही नहीं समझ रहे. आपसी गुटबाज़ी एक बार फिर दिल्ली कांग्रेस में साफ नजर आ रही है. कांग्रेस की ये स्थिति तब है, जब दिल्ली की राजेंद्र नगर विद्यानसभा सीट पर उपचुनाव होने जा रहा है.
नई दिल्ली लोकसभा की इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस की मौजूदा स्थिति ये है कि पार्टी को ढंग का उम्मीदवार नहीं मिल पाया. आम आदमी पार्टी के दुर्गेश पाठक और बीजेपी उम्मीदवार राजेश भाटिया के सामने कांग्रेस को पूर्व निगम पार्षद प्रेम लता को चुनावी मैदान में उतारना पड़ा.
दिल्ली कांग्रेस के पूर्व मंत्री रमाकांत गोस्वामी इस विधानसभा से विधायक और मंत्री भी रह चुके हैं. कहा जा रहा है कि वह भी हार के डर से इस बार चुनावी मैदान में उतरने से बचते नजर आए. अजय माकन जैसे बड़े नेता भी अपने उम्मीदवारों को उपचनाव में उतारने से कतराते नजर आए.
नहीं थम रहा पार्टी छोड़ने का सिलसिला
कांग्रेस की हालत जिस तरह से लगातार खराब है, वह किसी से छुपी नहीं है. लगातार कांग्रेस के कई दिग्गज नेता कांग्रेस का दामन छोड़ आम आदमी पार्टी का दामन ठान चुके हैं. 4 दिन पहले तक कांग्रेस की टिकट से राजेंद्रनगर पर चुनाव लड़ाने की ताल ठोकने वाले कांग्रेस के पूर्व नेता संदीप तंवर राजनीति गुटबाज़ी के चलते पार्टी छोड़कर आम आदमी पार्टी में चले गए हैं.
गुटबाजी किसी ने नहीं छिपी
हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह की मानें तो पार्टी में थोड़ी बहुत आपसी मतभेद जरूर हैं लेकिन उसको भी जल्द दूर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी झूठे और खोखले वादे करके जनता को गुमराह कर रही है. कांग्रेस वापसी करेगी.
सुशांत मेहरा