दिल्ली में 'किसान गर्जना रैली', जानिए किन मांगों को लेकर सड़क पर उतरा RSS का सहयोगी संगठन BKS

आज राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का संगठन भारतीय किसान संघ (BKS) 'किसान गर्जना' रैली करने जा रहा है. संगठन का दावा है कि रैली में 50 से 60 हजार किसानों के शामिल होंगे. करीब 700 से 800 बस और 4000 प्राइवेट वाहनों में आएंगे. दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर किसान गर्जना रैली के होर्डिंग और पोस्टर लगाए गए हैं.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

कुबूल अहमद

  • नई दिल्ली,
  • 19 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:23 AM IST

किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का संगठन भारतीय किसान संघ (BKS) देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार को 'किसान गर्जना' रैली कर रहा है. बीकेएस किसानों से जुड़ी अपनी मांगों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार से के खिलाफ सड़कों पर उतर रहा है. अपनी मांगों को लेकर हजारों किसान दिल्ली के रामलीला मैदान में 'किसान गर्जना' रैली में शामिल होने जा रहे हैं. भारतीय किसान संघ लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर सरकार से नाराज है. संगठन ने अब सड़क पर उतरकर दबाव बनाने की रणनीति अपनाई है. 

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भारतीय किसान संघ की किसान गर्जना रैली में 50 से 60 हजार किसानों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है. देश भर से किसान करीब 700 से 800 बस और 4000 प्राइवेट वाहनों में आएंगे. दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर किसान गर्जना रैली के होर्डिंग और पोस्टर लगाए गए हैं. भारतीय किसान संघ के महासचिव मोहिनी मोहन मिश्रा ने कहा कि किसानों से जुड़ी मांगों को दिल्ली में रैली कर अपना विरोध जताया जाएगा, जिसमें 600 जिलों के किसान शामिल होंगे.

बीकेएस की मांग है कि केंद्र सरकार को कृषि उपज पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) नहीं लगाना चाहिए. इसके अलावा संगठन सभी कृषि उपज को जीएसटी से मुक्त करने की मांग भी कर रहा है. साथ ही पीएम किसान सम्मान निधि की राशि में खेती की बढ़ी लागत के अनुपात में बढ़ोतरी की मांग भी उठाई जा रही है. किसान संगठन अनाज में सब्सिडी के अलावा डीबीटी के माध्यम से किसानों को आर्थिक सहायता देने की मांग भी कर रहा है.

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किसान संगठन की मांग है कि सिंचाई और नदी लिंक प्रोजेक्ट्स के लिए भी मदद की जानी चाहिए. बीकेएस ने इस उद्देश्य के लिए अधिक पैसे देने करने की मांग भी की है. केंद्र सरकार से किसानों की मांग है कि जीएम (आनुवांशिक रूप से संशोधित) सरसों के बीज को मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए. देश की निर्यात-आयात नीति लोगों के हित में होनी चाहिए. देश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ाने की मांग सहित कई अन्य मांगें भी की जा रही हैं. 

किसान क्रेडिट लिमिट बढ़ाने की डिमांड

भारतीय किसान संघ की डिमांड है कि केंद्र सरकार किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा तीन लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए करे, ताकि किसानों को खेती के लिए कोई दिक्कत न हो. कार्डधारकों को भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) से प्रमाणपत्र की जरूरत के बिना माइक्रो-प्रोसेसिंग फूड यूनिट्स लगाने का लाइसेंस दिया जाए. दरअसल, FSSAI प्रमाण पत्र प्राप्त करना एक लंबी और चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया है. 

कारोबार का लाइसेंस देने की भी मांग

भारतीय किसान संघ का कहना है कि सरकार के पास पहले से ही किसान क्रेडिट कार्ड धारकों का डेटा है. इसके आधार पर ही किसानों को कारोबारी बनने के लिए लाइसेंस दिया जाना चाहिए. इसके लिए अलग से कोई सर्टिफिकेट लेने की जरूरत न हो. बीकेएस की कार्यकारी समिति के सदस्य नाना आखरे ने कहा है कि जो किसान देश को अनाज, सब्जियां, फल, दूध आदि प्रदान करते हैं, आज अपनी कृषि उपज पर उचित लाभ नहीं मिलने की वजह से बहुत निराश हैं और इस वजह से आत्महत्या कर रहे हैं.

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