दिल्ली में बदली दफ्तर आने-जाने की टाइमिंग, प्रदूषण और ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए उठाया कदम

नए आदेश के मुताबिक यातायात और वायु प्रदूषण को कम करने में मदद के लिए दिल्ली के सरकारी कार्यालय व्यस्त समय में अलग-अलग कार्य घंटों का पालन करेंगे. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है. दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने X पर एक पोस्ट में इस संबंध में जानकारी दी.

Advertisement
दिल्ली सरकार ने ट्रैफिक जाम और प्रदूषण कम करने के लिए अलग-अलग ऑफिस टाइमिंग लागू किया. (PTI Photo) दिल्ली सरकार ने ट्रैफिक जाम और प्रदूषण कम करने के लिए अलग-अलग ऑफिस टाइमिंग लागू किया. (PTI Photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 5:51 PM IST

ट्रैफिक की समस्या कम करने और प्रदूषण के बढ़ते स्तर से निपटने के लिए दिल्ली में विभिन्न विभागों के लिए ऑफिस आने की टाइमिंग में बदलाव की घोषणा की गई है. दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने X पर एक पोस्ट में इस संबंध में जानकारी दी. इस नए आदेश के मुताबिक यातायात और वायु प्रदूषण को कम करने में मदद के लिए दिल्ली के सरकारी कार्यालय व्यस्त समय में अलग-अलग कार्य घंटों का पालन करेंगे. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है.

Advertisement

नए आदेश के मुताबिक दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों के लिए दफ्त की टाइमिंग अब सुबह 8:30 बजे से शाम 5 बजे तक होगी. केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए यह टाइमिंग सुबह 9 बजे से शाम 5:30 बजे तक होगी. वहीं दिल्ली सरकार के अन्य विभागों के कर्मचारियों के लिए दफ्तर का समय सुबह 10 बजे से शाम 6:30 बजे तक होगा. इस पहल का उद्देश्य सड़कों पर गाड़ियों की भीड़ कम करना, धूल और धुएं से होने वाले प्रदूषण को कम करना और पीक-ट्रैफिक टाइमिंग के दौरान कामकाजी लोगों को जाम से मुक्ति दिलाना है. 


दिल्ली में वायु प्रदूषण संकट के लिए गाड़ियों से निकलने वाले धुएं को एक प्रमुख कारक पाया गया है. पराली जलाने और पटाखों पर प्रतिबंध के बाद भी दिल्ली की हवा बदतर होती जा रही है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के मुताबिक दिल्ली के प्रदूषण संकट में वाहनों से निकलने वाले धुएं की अनुमानित हिस्सेदारी लगभग 13.3 प्रतिशत है. दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का तीसरा चरण पहले से ही लागू कर दिया गया है. इसके तहत दिल्ली में BS III पेट्रोल और BS IV डीजल चार पहिया वाहनों पर सख्त प्रतिबंध लागू है. साथ ही निर्माण कार्यों पर भी रोक है. इसके बावजूद शहर की वायु गुणवत्ता का स्तर गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है और एक्यूआई 400 से अधिक है.

Advertisement

इस लेवल के प्रदूषण में स्वस्थ लोगों में भी सांस और हृदय संबंधी बीमारियों के विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है. डॉक्टरों के मुताबिक 400-500 के बीच AQI वाली हवा में सांस लेना दिन में 30 सिगरेट पीने के बराबर है. स्थिति को देखते हुए, दिल्ली सरकार ने सोमवार से शुक्रवार तक दिल्ली मेट्रो के फेरों की संख्या 60 तक बढ़ा दी है. और अधिक इलेक्ट्रिक बसें भी सड़कों पर उतारने की योजना है. दिल्ली सरकार ने जनता से आग्रह किया है कि वे अपने निजी वाहनों को छोड़कर प्रदूषण संकट बने रहने तक सार्वजनिक परिवहन का विकल्प चुनें.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement