गुरुवार सुबह दिल्ली और एनसीआर के लोग उस वक्त हैरान रह गए जब मई की चिलचिलाती गर्मी के बीच अचानक मूसलधार बारिश और तेज़ आंधी ने दस्तक दी. आमतौर पर इस मौसम में 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंचने वाला तापमान एक झटके में 10 डिग्री तक गिर गया, जिससे मौसम सुहाना तो हुआ, लेकिन जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया.
उड़ानों पर असर, पेड़ गिरे, ट्रैफिक जाम
तेज़ आंधी-तूफान की वजह से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) पर उड़ान संचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ. खराब मौसम के चलते करीब 40 उड़ानों को दूसरे एयरपोर्ट्स पर डायवर्ट किया गया, जबकि 100 से ज़्यादा उड़ानों में देरी हुई. एयर इंडिया ने बयान जारी कर बताया कि उत्तर भारत के कई हिस्सों में मौसम की खराबी के चलते उड़ानों पर असर पड़ा है.
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सुबह करीब 5 बजे 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलनी शुरू हुईं, जो एक घंटे तक जारी रहीं. इसके बाद 8:30 बजे तक करीब 8 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई, जिससे कई इलाकों में जलभराव हो गया और ट्रैफिक अस्त-व्यस्त हो गया.
तेज़ हवाओं और बारिश के कारण कई जगह पेड़ गिरने से गाड़ियों को नुकसान हुआ और ट्रैफिक भी प्रभावित रहा. राजधानी के कई प्रमुख मार्गों पर जलभराव की स्थिति बन गई, जिससे लोगों को दफ्तर और स्कूल जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
छावला में पेड़ गिरने से चार मौतें, हरियाणा में भी आफत
दिल्ली के छावला इलाके में एक मकान पर पेड़ गिरने से चार लोगों की मौत हो गई. दक्षिणी दिल्ली के पॉश वसंत कुंज इलाके में गुरुवार सुबह हुई तेज़ बारिश और आंधी के बाद हुए जलभराव के कारण एक स्कूल बस और एक बीएमडब्ल्यू कार फंस गई, जिससे स्थानीय लोगों और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा.
कई जगहों पर पेड़ गिरने की घटनाएं सामने आईं, वहीं अरुणा आसफ़ अली मार्ग पर रेड लाइट सिस्टम के ठप होने से ट्रैफिक पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया. इसी तरह, शेख सराय में एक पेड़ गिरने से 4–5 गाड़ियां और कई बाइक क्षतिग्रस्त हो गईं.
IMD ने बताई असामान्य बारिश की वजह
दिल्ली में बारिश और मौसम की भविष्यवाणी को लेकर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि यह घटना अचानक नहीं हुई थी. यह एक सक्रिय वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण हुआ सिस्टम था, जिसकी वजह से गरज-चमक के साथ तेज बारिश और ओलावृष्टि देखने को मिली. उन्होंने बताया कि जब मई के महीने में ऐसा कोई वेस्टर्न डिस्टर्बेंस विकसित होता है, तो इस तरह की गतिविधियां सामान्य होती हैं, और जब वातावरण में नमी अधिक होती है, तो यह प्रणाली और अधिक तीव्र हो जाती है.
उन्होंने कहा, "जब कोई थंडरस्टॉर्म विकसित होता है, तो वह एक अल्पकालिक मौसम तंत्र होता है, और इसका प्रभाव क्षेत्र भी सीमित होता है. इसलिए ये घटनाएं स्थानीय स्तर पर होती हैं, जैसा कि दिल्ली में देखने को मिला. इसकी निगरानी हम रडार के माध्यम से करते हैं और इसका पूर्वानुमान बहुत छोटे समय के लिए होता है."
महापात्रा ने बताया, "हमने इस गतिविधि को रडार से ऑब्जर्व किया और तत्पश्चात अलर्ट भी जारी किया. यदि पिछले 5 दिनों का पूर्वानुमान देखें, तो हमें इस बात का अंदेशा था कि बारिश और तेज़ हवाएं आ सकती हैं. पूरी दुनिया में थंडरस्टॉर्म का पूर्वानुमान लगाना चुनौतीपूर्ण होता है. पहले हमारे पास 26 रडार थे, लेकिन अब 40 रडार की मदद से हमने देश के लगभग 85% क्षेत्रों को कवर कर लिया है. इन रडारों का रिज़ोल्यूशन थंडरस्टॉर्म जैसी घटनाओं को पहचानने के लिए बेहद उपयुक्त है."
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हरियाणा में भी प्रशासन के दावों की खुली पोल
गुरुग्राम में गुरुवार सुबह से जारी 42 मिमी बेमौसमी मूसलधार बारिश ने जिला प्रशासन के तमाम दावों की पोल खोल दी. शहर के नरसिंहपुर, मानेसर, एसपीआर रोड सहित निचले इलाकों में भारी जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ और वाहनों की रफ्तार थम सी गई. प्रशासन द्वारा समय-समय पर जल निकासी व्यवस्था को दुरुस्त करने के दावों के बावजूद, बारिश ने एक बार फिर से बुनियादी ढांचे की कमजोरियों को उजागर कर दिया है.
हरियाणा के कई जिलों में भी तेज़ आंधी और बारिश ने कहर बरपाया. गुरुग्राम, फरीदाबाद और अंबाला जैसे शहरों में जलभराव से हालात बिगड़ गए. झज्जर की अनाज मंडी में भारी बारिश से अनाज को भारी नुकसान हुआ, जबकि गुरुग्राम में बारिश के बाद ट्रैफिक जाम की समस्या देखने को मिली.
कुमार कुणाल