'शीश महल' पर पेश की जाएगी CAG रिपोर्ट... 5 जनवरी से शुरू होगा दिल्ली विधानसभा सत्र

दिल्ली विधानसभा का तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र 5 जनवरी 2026 से शुरू होगा, जिसमें AAP सरकार के कार्यकाल से जुड़ी पांच अहम CAG रिपोर्ट्स पेश की जाएंगी. इनमें अरविंद केजरीवाल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री आवास 'शीश महल' के कथित महंगे नवीनीकरण, दिल्ली जल बोर्ड, मोहल्ला क्लीनिक और विज्ञापन नीति से जुड़े मामलों पर सवाल उठाए गए हैं.

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दिल्ली विधानसभा का शीतकालीन सत्र तीन दिनों तक चलेगा. (Photo- PTI) दिल्ली विधानसभा का शीतकालीन सत्र तीन दिनों तक चलेगा. (Photo- PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:04 PM IST

दिल्ली विधानसभा का तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र 5 जनवरी 2026 से शुरू होने जा रहा है, जिसे राजनीतिक रूप से काफी अहम माना जा रहा है. विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सत्र के एजेंडे की पुष्टि करते हुए बताया कि पहले दिन उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना का अभिभाषण होगा. इसके बाद नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक यानी CAG की पांच अहम रिपोर्ट्स सदन के पटल पर रखी जाएंगी.

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इन रिपोर्ट्स में सबसे ज्यादा चर्चा पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास 6 फ्लैगस्टाफ रोड के नवीनीकरण को लेकर है, जिसे भाजपा 'शीश महल' कहती है. भाजपा का आरोप है कि इस आवास के सौंदर्यीकरण पर 75 से 80 करोड़ रुपये खर्च किए गए.

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बीजेपी का दावा है कि इसमें महंगे मार्बल, लिफ्ट और लग्जरी सुविधाएं शामिल थीं, जबकि उस वक्त दिल्ली की जनता कई बुनियादी समस्याओं से जूझ रही थी. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पहले ही कह चुकी हैं कि इस कथित फिजूलखर्ची की रकम जनता से वसूली जाएगी.

'शीश महल' के अलावा CAG की रिपोर्टों में दिल्ली जल बोर्ड में कथित भ्रष्टाचार, विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक कुप्रबंधन, मोहल्ला क्लीनिक, लाड़ली योजना, विज्ञापन नीति और स्कूलों में कक्षा निर्माण से जुड़े मामलों की भी जांच की गई है. बीजेपी का आरोप है कि AAP सरकार के दौरान इन योजनाओं में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं.

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CAG रिपोर्ट्स में आबकारी नीति को लेकर हुआ खुलासा

बीजेपी नेताओं का कहना है कि फरवरी के बाद से अब तक पेश की गई CAG रिपोर्ट्स में आबकारी नीति से करीब 2000 करोड़ रुपये के नुकसान और स्वास्थ्य क्षेत्र में घोटालों की ओर इशारा किया गया है. पार्टी इसे AAP शासन का 'लूट काल' बता रही है. भाजपा का आरोप है कि AAP ने लंबे समय तक विधानसभा सत्र बुलाने में देरी कर इन रिपोर्ट्स को दबाने की कोशिश की.

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CAG रिपोर्ट पर AAP की राय

वहीं, आम आदमी पार्टी इन आरोपों को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रही है और कहती रही है कि CAG रिपोर्टों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. सत्र के दौरान प्रदूषण जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होनी है, लेकिन जानकारों का मानना है कि इस बार विधानसभा में सबसे ज्यादा हंगामा CAG रिपोर्ट्स को लेकर ही होगा.

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