'मैं गद्दार साबित नहीं होना चाहता था' इस्तीफे के बाद फूट-फूटकर रोए AAP विधायक राजेंद्र पाल गौतम

आप विधायक राजेंद्र पाल गौतम पिछले दिनों बौद्ध महासभा के आयोजन में शामिल हुए थे, यहां उन्होंने हिंदुओं के देवी-देवताओं को नहीं मानने की शपथ भी ली थी. इसे लेकर काफी विवाद हुआ था. विवाद बढ़ने के बाद राजेंद्र पाल ने मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने कहा था कि वे भाजपा ने जिस तरह कोशिश की, लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई, उससे आहत होकर मैंने इस्तीफा दिया.

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आप विधायक राजेंद्र पाल गौतम आप विधायक राजेंद्र पाल गौतम

पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 13 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 2:09 PM IST

बौद्ध महासभा में हिंदू देवी-देवताओं को नहीं मानने की शपथ लेने पर विवाद होने के बाद आप विधायक राजेंद्र पाल गौतम ने मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया था. अब राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि वे गद्दार साबित नहीं होना चाहते थे, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया. इतना ही नहीं वे समर्थकों से बात करते हुए अंबेडकर का नाम लेकर फूट फूटकर रोने लगे. 

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राजेंद्र पाल गौतम ने रोते हुए कहा कि बाबा साहेब अबेडकर अगर पढ़ाई के रास्ते नहीं खोलते, आरक्षण की व्यवस्था नहीं करते, तो क्या मैं मंत्री या विधायक बना पाता. क्या हम जैसे लोगों को कोई जनरल सीट से चुनाव लड़ाता है? हमारे लोगों के बारे में कोई नहीं सोचता है.'
 
आप विधायक राजेंद्र पाल गौतम पिछले दिनों बौद्ध महासभा के आयोजन में शामिल हुए थे, जिसमें हिंदुओं के देवी-देवताओं को नहीं मानने की शपथ दिलाई गई. उस समय मंच पर राजेंद्र पाल गौतम भी मौजूद थे और वो भी शपथ ले रहे थे. इसे लेकर बीजेपी ने आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा था. विवाद बढ़ने के बाद राजेंद्र पाल गौतम ने मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया था. 

इस्तीफा देने के पीछे बताई थी ये वजह

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राजेंद्र पाल गौतम ने कहा था, ''मेरे नेता अरविंद केजरीवाल ने मुझे इतना सहयोग किया और उन्हें जिस तरह घसीटा गया, मेरी पार्टी को जिस तरह घसीटा गया, उससे मैं बहुत आहत हुआ. क्योंकि उनका इससे कोई लेना देना नहीं है. मैं व्यक्तिगत तौर पर उसमें शामिल हुआ था. बाबा साहेब का सिपाही होने के नाते मैंने वहां प्रतिज्ञा ली थी. एक मंत्री के रूप में काम करते हुए समाज के हक और अधिकार की लड़ाई में बाधा होती. मुझे फोन, ट्वीटर, फेसबुक पर धमकी मिल रही हैं, लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं. अपने समाज की लड़ाई लड़ता रहूंगा.

उन्होंने कहा था, ''मैं बाबा साहेब के रास्ते पर चलने वाला आदमी हूं, मैं किसी की भावनाओं को आहत नहीं कर सकता हूं. सभी धर्मों के प्रति मेरी आस्था है. आम आदमी पार्टी जनता के हित में शिक्षा, स्वास्थ्य महिला सुरक्षा और सामाजिक न्याय के लिए काम कर रही है. इन सबसे बाबा साहेब के सपने साकार होंगे. भाजपा ने जिस तरह कोशिश की, लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई, उससे आहत होकर मैंने इस्तीफ़ा दिया है. मुझपर पार्टी का कोई दबाव नहीं है, मैं तो खुद पेशे से वकील हूं.''

 

 

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