दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कल अयोध्या में राम मंदिर का दौरा करेंगे. उनके साथ उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल और माता-पिता भी होंगे. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी रामनगरी की यात्रा पर अरविंद केजरीवाल के साथ होंगे, जहां पिछले महीने भव्य अभिषेक समारोह के बाद से भारी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं. केजरीवाल ने पहले कहा था कि उन्हें 22 जनवरी को आयोजित 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह के लिए औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला था. उन्होंने यह भी कहा था कि वह अपने परिवार के साथ राम मंदिर जाकर रामलला के दर्शन करना चाहते हैं और मौका मिलते ही अयोध्या आने की योजना बनाएंगे.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों 22 जनवरी को अयोध्या के नव निर्मित मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी. राम मंदिर को आम जनता के लिए खोले जाने के बाद से देश भर से लाखों श्रद्धालु अयोध्या का दौरा कर रहे हैं. पार्टी लाइन से ऊपर उठकर नेता भी रामनगरी का दौरा कर रहे हैं. आज सुबह उत्तर प्रदेश के सभी भाजपा विधायक रामलला के दर्शन करने अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर पहुंचे. विधायकों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे. भाजपा के अलावा कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, सुभासपा और राष्ट्रीय लोक दल सहित अन्य पार्टियों के विधायक बसों से अयोध्या पहुंचे.
समाजवादी पार्टी के विधायक और राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इस यात्रा में शामिल नहीं हुए. उन्होंने कहा कि वह अपने विधायकों और परिवार के साथ अयोध्या जाएंगे और रामलला के दर्शन करेंगे. यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने इस यात्रा से दूरी बनाने के लिए समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव की आलोचना की और आरोप लगाया कि उन्होंने अपनी 'अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की राजनीति' के कारण यह फैसला लिया. केशव प्रसाद मौर्य ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा- उत्तर प्रदेश विधानमंडल के दोनों सदनों के सदस्य अयोध्या के लिए रवाना हो गए हैं. अगर कोई नहीं जा रहा है, तो वह 'समाप्तवादी पार्टी' है. क्योंकि उन्हें अल्पसंख्यक वोट बैंक की चिंता है.
पंकज जैन