दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वालिटी बेहद खराब होने के साथ आसमान में जहरीली धुंध की चादर छाई हुई है.जहरीली हवा में सांस लेना मुश्किल हो रहा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, आज (मंगलवार) 18 नवंबर को सुबह 6 बजे राष्ट्रीय राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 341 दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है. वहीं, कुछ इलाकों का AQI 400 के पार दर्ज किया गया है, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है.
चारों तरफ धुंध की परत जमने की वजह से विजिबिलिटी काफी कम हो गई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, पिछले कई दिनों से ऐसी ही स्थिति बनी हुई है, लेकिन अब सर्दी की दस्तक के साथ स्मॉग की चादर और गाढ़ी हो रही हैं. शहर के कई इलाकों में विजिबिलिटी यानी दृश्यता घटकर 50 मीटर से भी कम रह गई है.
गाजीपुर लैंडफिल के आस-पास सफेद-ग्रे धुएं की मोटी परत छाई हुई है. सुबह 6.30 बजे के करीब यहां का AQI 345 दर्ज किया गया. वहीं, धौला कुंआं इलाके में भी हालात कमोबेश ऐसे ही हैं. यहां AQI 365 तक पहुंच गया है. दोनों जगहों का एयर क्वालिटी इंडेक्स ‘बहुत खराब’ श्रेणी में ही है. जहरीली हवा के कारण लोगों को सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही है.
इन इलाकों में ‘गंभीर’ श्रेणी में AQI
प्रदूषण से सबसे खराब हालत उत्तर और उत्तर-पश्चिम दिल्ली के हैं. जहां AQI 400 के पार है, एयर क्वालिटी सीवियर यानी गंभीर कैटेगरी में पहुंच गया है. जिससे लोगों को आंखों में जलन, गले में खराश और सांस की तकलीफ महसूस हो रही है.
प्रदूषण के कारण मास्क लगाने के बावजूद गले में खराश और सिर दर्द की शिकायतें बढ़ रही हैं. डॉक्टर लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि बुजुर्ग, बच्चे और अस्थमा के मरीज बाहर कम ही निकलें. दिल्ली एक बार फिर साफ हवा में सांस के लिए तरस रही है. स्मॉग की यह चादर कब छंटेगी, ये तो आने वाले दिनों में मौसम ही बताएगा.
बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में बिगड़ती वायु गुणवत्ता के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) द्वारा 11 नवंबर को पूरे दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) III लागू किया गया था. हालांकि, अभी तक इसका कोई खास असर देखने को नहीं मिला है.
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