अमित शाह ने CM रेखा संग बनाया 'क्लीन यमुना' प्लान, खर्च होंगे ₹9000 करोड़

गृह मंत्रालय में करीब डेढ़ घंटे तक चली इस बैठक में यमुना नदी को पुनर्जीवित करने के लिए समन्वित प्रयासों और कार्य योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो दिल्ली के पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है.

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 केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यमुना पुनरुद्धार पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. (PTI Photo) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यमुना पुनरुद्धार पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. (PTI Photo)

सुशांत मेहरा

  • नई दिल्ली,
  • 11 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 4:16 PM IST

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को यमुना नदी के पुनरुद्धार के संबंध में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और सी.आर. पाटिल के साथ-साथ दिल्ली लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री प्रवेश वर्मा भी बैठक में शामिल हुए. केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र के साथ-साथ गृह मंत्रालय और दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे. 

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गृह मंत्रालय में करीब डेढ़ घंटे तक चली इस बैठक में यमुना नदी को पुनर्जीवित करने के लिए समन्वित प्रयासों और कार्य योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो दिल्ली के पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है. इस सप्ताह के शुरू में, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली जल बोर्ड ने राजधानी के जल बुनियादी ढांचे में सुधार, सीवरेज नेटवर्क को ठीक करने, टैंकर सेवाओं में पारदर्शिता बढ़ाने और यमुना नदी को पुनर्जीवित करने के लिए 45-सूत्रीय कार्य योजना शुरू की. 

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एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, 9,000 करोड़ रुपये के बजट से समर्थित इस व्यापक योजना के अगले वर्ष तक पूरा होने की उम्मीद है. दिल्ली सरकार के इस अभियान का उद्देश्य राजधानी को स्वच्छ जल उपलब्ध कराना और यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाना है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता स्वयं नदी पुनरुद्धार प्रयासों का नेतृत्व कर रही हैं, और उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना और लोक निर्माण मंत्री प्रवेश वर्मा इसकी कड़ी निगरानी कर रहे हैं. सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और यमुना में वाटर फ्लो बहाल करने को लेकर अलग-अलग अभियान दिल्ली सरकार द्वारा केंद्र सरकार की निगरानी में चलाए जाएंगे. 

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इसके अतिरिक्त, केंद्र और दिल्ली सरकार यमुना नदी की सफाई के लिए तत्काल सहयोग कर रही हैं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) शहर के कुल 360 छोटे-बड़े नालों का सर्वे करेगा और नदी में गिरने वाले 22 बड़े नालों का ड्रोन सर्वेक्षण किया जाएगा. यमुना नदी में प्रदूषण निगरानी के लिए कुल 67 स्थानों की पहचान की गई है. जुलाई तक एक सर्वेक्षण किया जाएगा और रिपोर्ट दिल्ली जल बोर्ड को सौंपी जाएगी.

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