चर्चा फुल, नतीजा गुल... बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार बन गया 'बीरबल की खिचड़ी'!

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कैबिनेट विस्तार की चर्चाएं काफी दिन से चल रही हैं लेकिन अभी तक यह हो नहीं सका है. मौजूदा समय में जहां बिहार सरकार में 31 मंत्री हैं वहीं 5 और लोगों को मंत्री बनाया जा सकता है.

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सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव

रोहित कुमार सिंह

  • पटना,
  • 24 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 3:07 PM IST

बिहार की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से लगातार मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कयासबाजी की जा रही है, मगर अब तक इसको लेकर कोई पुख्ता जानकारी सामने नहीं आ रही है कि आखिर कब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी कैबिनेट का विस्तार करेंगे.

हालांकि, मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलबाजी के बीच पिछले दिनों नीतीश कुमार ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी. दूसरी तरफ शनिवार को बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह और कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने भी लालू प्रसाद से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की थी.

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क्या है मौजूदा मंत्रिमंडल में महागठबंधन की स्थिति ?

243 सदस्यों वाले बिहार विधानसभा में कुल 15% यानी की मुख्यमंत्री समेत कुल 36 मंत्री हो सकते हैं. मौजूदा स्थिति के मुताबिक, फिलहाल नीतीश मंत्रिमंडल में 15 मंत्री आरजेडी कोटे से है, नीतीश कुमार समेत 13 मंत्री जनता दल यूनाइटेड कोटे से है, 2 मंत्री कांग्रेस कोटे से हैं और 1 मंत्री सुमित सिंह निर्दलीय है, यानी कि कल इस वक्त बिहार सरकार में 31 मंत्री हैं और 5 और को मंत्री बनाया जा सकता है.

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दरअसल, 9 अगस्त 2022 को जब नीतीश कुमार ने आरजेडी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी तो उस समय आरजेडी कोटे से तेजस्वी यादव समेत 17 मंत्री बनाए गए थे मगर विभिन्न कारण से दो मंत्री कार्तिकेय कुमार और सुधाकर सिंह को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था, जिसके बाद अब मंत्रिमंडल में राजद की संख्या 15 है.

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कितने मंत्री पद खाली और किसकी कितनी है दावेदारी ?

मौजूदा समय में जहां बिहार सरकार में 31 मंत्री हैं वही 5 और लोगों को मंत्री बनाया जा सकता है. ऐसे में सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार में राजद से दो मंत्री बनाया जाना है और कांग्रेस भी दो मंत्री पद की मांग काफी लंबे समय से कर रही है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने शनिवार को लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव से मुलाकात की जिसके बाद उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा चल रही है और जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस इस फार्मूले पर विचार कर रही है कि दो मंत्रियों में से एक मंत्री सवर्ण जाति का हो सकता है.

आरजेडी से दो नामों पर चर्चा

आरजेडी कोटे से जिन मंत्री बनने को लेकर जिन दो नाम की सबसे ज्यादा चर्चा चल रही है उसमें मोकामा से राजद विधायक और बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी और नवीनगर से विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डब्लू सिंह का नाम शामिल है. वहीं कांग्रेस कोटे से जिनको मंत्री बनाया जा सकता है उनमें महाराजगंज से विधायक विजय शंकर दुबे और भागलपुर से विधायक अजीत शर्मा के नाम की चर्चा है. इन दोनों में से किसी एक को सवर्ण कोटा के तहत मंत्री बनाया जा सकता है.

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बीजेपी ने किया नीतीश सरकार पर हमला

वहीं बीजेपी लगातार बिहार सरकार पर हमलावर है. बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर करारा हमला बोला है और उन्हें एक कमजोर मुख्यमंत्री बताया है. सम्राट चौधरी ने कहा है कि उन्हें अपनी कुर्सी बचाने के लिए आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के शरण में जाना ही पड़ेगा और इसके अलावा उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है. सम्राट चौधरी ने कहा, 'कमजोर मुख्यमंत्री इसी तरीके के होते हैं जिन्हें सभी के पास जाना होता है और नीतीश कुमार को भी जाना पड़ेगा. लालू प्रसाद के पास नीतीश कुमार को जाकर चरण वंदना करना होगा, राहुल गांधी के पास जाना होगा. मुख्यमंत्री को इसी प्रकार से जाना पड़ेगा.'

सम्राट चौधरी ने कहा कि, 'जब कांग्रेस की कृपा से नीतीश कुमार की बिहार में सरकार चल रही है तो उन्हें कांग्रेस का बात मानना ही पड़ेगा.नीतीश कुमार को राहुल गांधी और लालू प्रसाद का आदेश मानना पड़ेगा और यह कुछ और कर भी नहीं सकते हैं.'

 

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