फैक्ट चेक: डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर दिखाते डोनाल्ड ट्रंप की ये फोटो फर्जी है

क्या अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बौद्ध धर्म अपनाने की इच्छा जाहिर की है? उनकी एक फोटो के जरिये कुछ ऐसा ही दावा किया जा रहा है जिसमें वो बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर दिखाते हुए नजर आ रहे हैं.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
फोटो में देखा जा सकता है कि अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हाथ में डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर है.
सच्चाई
ये फोटो एडिटेड है. असल फोटो में ट्रंप के हाथ में एक सरकारी आदेश का दस्तावेज है.

फैक्ट चेक ब्यूरो

  • नई दिल्ली,
  • 24 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:58 PM IST

क्या अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बौद्ध धर्म अपनाने की इच्छा जाहिर की है? उनकी एक फोटो के जरिये कुछ ऐसा ही दावा किया जा रहा है जिसमें वो बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर दिखाते हुए नजर आ रहे हैं.

वायरल फोटो के साथ लिखा है कि ट्रंप, अंबेडकर की किताबों से प्रभावित हुए और कहा कि वो पूरी दुनिया मे बौद्ध धर्म का प्रचार करेंगे. आगे लिखा है कि ये खबर मीडिया नहीं दिखाएगा क्योंकि वो नहीं चाहता कि इसका प्रभाव भारत के लोगों पर पड़े. पोस्ट में लिखी पूरी बात नीचे पढ़ी जा सकती है.

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इस दावे के साथ ये फोटो इंस्टाग्राम और फेसबुक पर कई लोग शेयर कर चुके हैं. वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये फोटो एडिटेड है. असली फोटो में ट्रंप के हाथ में एक सरकारी आदेश का दस्तावेज है.

कैसे पता की सच्चाई?

वायरल फोटो को रिवर्स सर्च करने पर हमें इसकी असल तस्वीर कई खबरों में मिली. अमेरिकी मीडिया संस्था पॉलिटिको की खबर में बताया गया है कि ये फोटो 23 जनवरी 2017 की है जब अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद ट्रंप ने ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप नाम की ट्रेड डील से अमेरिका का नाम वापस ले लिया था.

मूल फोटो में ट्रंप इसी के आधिकारिक आदेश का दस्तावेज हाथ में पकड़े दिख रहे हैं जिसके साथ छेड़ाछाड़ करके अंबेडकर की फोटो लगा दी गई है. खबरों में बताया गया है कि फोटो वॉशिंगटन डी.सी स्थित व्हाइट हाउस की है.

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इस डील में अमेरिका सहित 12 देश शामिल हुए थे. अमेरिका की तरफ से इसे हरी झंडी 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने दी थी. लेकिन ट्रंप इस डील के विरोधी थे. अमेरिका को इस डील से बाहर निकालना उनका उस समय चुनावी वादा भी था. इसी को निभाते हुए राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप ने अमेरिका का नाम डील से वापस लेने का आदेश दिया था.

इस डील का मकसद था कि सदस्य देशों के बीच टैरिफ के रेट गिराकर व्यापार हो जिससे सभी देशों की अर्थव्यवस्था मजबूत हो सके. कई अन्य खबरों में भी मूल फोटो को देखा जा सकता है. यहां ये बात स्पष्ट हो जाती है कि वायरल फोटो फर्जी है.

इसके साथ ही हमें ऐसी कोई प्रमाणिक खबर नहीं मिली जिसमें बताया गया हो कि ट्रंप ने बौद्ध धर्म अपनाने या अंबेडकर की तारीफ में कुछ कहा हो. अगर ऐसा हुआ होता तो इसके बारे में खबरें जरूर छपतीं.

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