विद्या बालन की फिल्म शकुंतला देवी का ट्रेलर रिलीज हो गया है. ये फिल्म ह्यूमन कंप्यूटर के नाम से मशहूर शकुंतला देवी की जिंदगी पर आधारित है. शकुंतला एक मैथ्य जीनियस होने के साथ ही साथ एक बेहतरीन लेखिका भी थीं और उनकी अलग-अलग विषयों पर किताबें भी पब्लिश हो चुकी हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शकुंतला भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुकी हैं.
शकुंतला देवी मानसिक तौर पर कठिन से कठिन गणित के नंबर्स को कैलक्युलेट कर लेती थीं. 5 अक्टूबर 1950 को उन्होंने बीबीसी चैनल के शो में हिस्सा लिया था. इस शो को लेस्ली मिचेल ने होस्ट किया था. इस शो के दौरान शकुंतला देवी को एक बेहद जटिल मैथ्य प्रॉब्लम दी गई थी जिसे उन्होंने कुछ सेकेंड्स में सॉल्व कर दिया था लेकिन उनका उत्तर शो के जवाब से अलग था. क्रॉस चेक करने के बाद पता चला कि बीबीसी का उत्तर गलत था और शकुंतला का जवाब सही था. यहीं से उनका नाम ह्यूमन कंप्यूटर पड़ गया था.
शकुंतला देवी का विवाह 60 के दशक में पारितोष बनर्जी से हुआ था. वे कोलकाता में आईएएस ऑफिसर थे. दोनों ने साल 1979 में तलाक ले लिया था क्योंकि शंकुतला के पति समलैंगिक थे. शकुंतला ने डॉक्यूमेंट्री फोर स्ट्रेटस ओनली में एक समलैंगिक शख्स के साथ शादी के अनुभवों को साझा किया था. इसके अलावा उन्होंने साल 1977 में भारत में समलैंगिकता को लेकर पहली किताब भी पब्लिश की थी. इसे अपने समय से कहीं आगे की किताब भी माना जाता रहा है.
1980 में शकुंतला ने साउथ बॉम्बे और तेलंगाना के मेडक लोकसभा सीट से इंदिरा गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था. उनका मानना ये था कि इंदिरा मेडक के लोगों को बेवकूफ बना रही हैं और शकुंतला उन्हें बचाने के लिए चुनाव लड़ रही हैं. हालांकि उस चुनाव में शकुंतला 9वें नंबर पर रहीं.
शकुंतला अपनी काबिलियत के चलते देश-विदेश के कई शहरों में घूमीं लेकिन एक दौर ऐसा भी था जब वे मेनस्ट्रीम लाइफ छोड़कर संन्यासी बनना चाहती थीं और इसके लिए उन्होंने एक मठ में जाने का फैसला भी किया था लेकिन वे एक हफ्ते बाद ही वापस लौट आई थीं. उन्होंने साल 1976 में बोस्टन ग्लोब के साथ इंटरव्यू में कहा था कि मैं भले ही मेंटल कैलक्युलेटर हूं लेकिन मुझे लगता है कि इसकी लिमिटेड अपील है, मैं मैथ्य में बहुत ज्यादा दिलचस्पी भी नहीं रखती हूं, हमें दरअसल समाज में ज्यादा से ज्यादा इंसानियत की जरूरत है.
शकुंतला देवी ने कई कुक बुक्स और उपन्यास भी लिखे थे. उनका एस्ट्रोलॉजी से भी काफी लगाव था और उन्होंने इस विषय पर एक किताब छापी थी जिसका नाम था एस्ट्रोलॉजी फोर यू. इस किताब के सहारे एस्ट्रोलॉजी के बारे में काफी कुछ सीखा जा सकता है.
शकुंतला इंदिरा गांधी से हारने के बाद अपनी सियासी पारी वहीं खत्म कर वापस बेंगलुरु लौट आई थीं. 2013 में उन्हें सांस लेने में काफी दिक्कत आने लगी थी और इसके बाद उन्हें बेंगलुरु के ही एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया. अगले कुछ हफ्तों में उनके हार्ट और किडनी की परेशानी भी शुरू हो गई. 21 अप्रैल, 2013 को अस्पताल में ही उनकी मौत हो गई. वे 83 साल की थीं.
शकुंतला देवी की जिंदगी से प्रेरित होकर अनु मेनन ने उनकी बायोपिक बनाई है. इस फिल्म को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया जा रहा है. फिल्म 31 जुलाई को अमेजन प्राइम पर रिलीज हो रही है. फिल्म में विद्या के अलावा सान्या मल्होत्रा और अमित साध जैसे सितारे भी नजर आएंगे. फिल्म में शकुंतला के उनकी बेटी और पति के साथ जटिल रिश्तों को भी दिखाने की कोशिश की गई है.