जब पाकिस्तान ने कहा था Lata Mangeshkar दे दो कश्मीर ले लो, दिलचस्प किस्सा

संगीत की दुनिया में कई बड़े-बड़े संगीतकारों ने जन्म लिया, लेकिन लता मंगेशकर उन सब में सबसे अलग और खास थीं. उन्हें सुन कर ऐसा लगता था, जैसे मानों उनके कंठ में स्वयं मां सरस्वती विराजमान हैं. लता दीदी की मीठी आवाज में एक सुकून था, जिसे सुनकर दिल को काफी ठंडक मिलती थी.

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लता मंगेशकर लता मंगेशकर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 5:05 PM IST
  • पाकिस्तान भी था लता दीदी का फैन
  • दो मुल्कों को जोड़ने वाली लता मंगेशकर
  • गले पर होगा रिसर्च!

हिंदुस्तान-पाकिस्तान का खट्टा-मीठा प्यार जगजाहिर है. पर दो देशों के बीच एक डोर ऐसी थी, जिसने दोनों मुल्कों के लोगों को एक साथ जोड़ कर रखा था. वो डोर थीं स्वर कोकिला लता मंगेशकर. हिंदुस्तान-पाकिस्तान के बंटवारे में सिर्फ एक देश के दो हिस्से नहीं हुए, बल्कि संगीत प्रेमियों से उनकी चहेती गायिका लता मंगेशकर भी दूर हो गईं थीं. हालांकि, दूर होकर भी पाकिस्तानी संगीत प्रेमी खुद को कभी लता दीदी से अलग नहीं कर पाये. वो लगातार यही चाहते थे कि कैसे भी करके लता उनके पास आ जायें. इसके लिये वो कश्मीर तक देने के लिये राजी थे. 

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जब लता दीदी के लिये कश्मीर चाहते पाकिस्तानी
कहते हैं कि ऑल इंडिया रेडियो को एक लेटर दिया गया था. इस लेटर में लता मंगेशकर को लेकर कहा गया था कि 'हिंदुस्तान कश्मीर रख ले, लेकिन लता मंगेशकर को पाकिस्तान को दे दिया जाये.' लता मंगेशकर के चाहने वालों में सिर्फ आम जनता ही नहीं, बल्कि कई दिग्गज सिंगर भी शामिल थे. इस लिस्ट में महान गायिका नूर जहां का नाम भी है. 

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एक दफा नूर जहां ने लता मंगेशकर के बारे में बात करते हुए कहा था कि 'वो मेरी तारीफ करती हैं. पर लता मंगेशकर एक है, उन जैसा आज तक कोई पैदा नहीं हुआ है.' इन बातों से समझा जा सकता है कि लता मंगेशकर पाकिस्तानी आवाम के लिये कितना महत्व रखती थीं. हिंदुस्तान में रहकर भी वो पाकिस्तानी आवाम की जान हुआ करती थीं. 

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अमेरिका में रिसर्च के लिये रखा जायेगा गला
संगीत की दुनिया में कई बड़े-बड़े संगीतकारों ने जन्म लिया, लेकिन लता मंगेशकर उन सब में सबसे अलग और खास थीं. उन्हें सुन कर ऐसा लगता था, जैसे मानों उनके कंठ में स्वयं मां सरस्वती विराजमान हैं. लता दीदी की मीठी आवाज में एक सुकून था, जिसे सुनकर दिल को काफी ठंडक मिलता थी. उनकी आवाज के चर्चे सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी मशहूर थे. इसलिये उनकी सुरीली आवाज हमेशा से वैज्ञानिकों के लिये रिसर्च का एक मुद्दा रही. कहा जाता है कि विदेशी उनके वोकल कॉर्ड पर रिसर्च करना चाहते हैं. इसलिये उनका गला अमेरिका में रिसर्च के लिये रखा जा सकता है. 

लता मंगेशकर म्यूजिक इंडस्ट्री की वो शख्सित थीं, जिनकी कमी सच में कभी पूरी नहीं की जा सकेगी. लता मंगेशकर हमारे बीच नहीं है, लेकिन उम्मीद है कि उनके सदाबहार गाने दो मुल्कों की डोर यूंही जोड़े रखेंगे. अलविदा लता दीदी. 

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