रजनीश (ओशो) एक इंडियन गुरु थे. इन्होंने रजनीश मूवमेंट की शुरुआत की थी. मां आनंद शीला, रजनीश की मुख्य सहायक थीं. यह ओशो की शिष्या भी थीं. मां आनंद शीला, ऑरेगन यूएस में रजनीशपुरम आश्रम मैनेज करती थीं.
साल 1986 में मां आनंद शीला, साल 1984 में हुए रजनीशी बायो-टेरर अटैक में हत्या और हमले के लिए दोषी पाई गईं. इन्हें 20 साल की सजा हुई थी, लेकिन इन्होंने केवल 39 महीने ही जेल की सलाखों के पीछे काटे. जेल में रहने के दौरान, शीला को स्विट्जरलैंड शिफ्ट किया गया. इन्होंने वहां दो नर्सिंग होम खरीदे.
इसके बाद साल 1999 में शीला को स्विस कोर्ट ने यूएस फेडरल प्रॉसीक्यूटर चार्ल्स टर्नर की हत्या के लिए दोषी माना गया. नेटफ्लिक्स पर 'वाइल्ड वाइल्ड कंट्री' नाम से एक डॉक्यूमेंट्री साल 2018 में रिलीज हुई.
इसमें भगवान श्री रजनीश और उनकी शिष्य मां आनंद शीला की जर्नी दिखाई गई. इसमें दिखाया गया कि किस तरह इनकी जर्नी की शुरुआत हुई और अंत में इनका रिलेशनशिप कैसे खत्म हुआ.
बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में शीला ने अपने 'अपराधों' पर खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि मैं इस पर इसलिए बात नहीं करना चाहती क्योंकि मैं 39 महीने जेल में बिता चुकी हूं और लोग मुझे सारी ज़िंदग़ी सज़ा नहीं दे सकते. आप सबने यह तय कर रखा है कि रजनीश के सब अनुयायी ग़लत थे.
शीला रजनीश के दर्शन, उनके विचारों पर क्या सोचती थीं? लोग रजनीश के दीवाने क्यों थे? इस पर उन्होंने कहा कि भगवान ने अपने लोगों के सामने एक अच्छा लक्ष्य रखा था- ध्यान और स्वयं को जगाना. जब वह मेरी आर्थिक मदद करना चाहते थे तो वह कुछ लोगों को 'जगा हुआ' घोषित कर देते थे." "तो यह एक छल था. उन अर्थों में हां. लेकिन सिर्फ़ भगवान को दोष मत दीजिए, उन लोगों को दोष दीजिए जो पूरे होशो-हवास में इस छल के पीछे भागे.
रजनीश से अपनी पहली मुलाक़ात याद करते हुए उन्होंने कहा, "ऐसा लगा जैसे उनका स्नेह मुझ पर बरस पड़ा हो और मैं सिर्फ 'वाह' (वाओ) कह सकी."
फिर रजनीश को छोड़ा क्यों?" इस पर वह बोलीं, "प्यार का मतलब है तरक़्क़ी और अपनी अखंडता. अब उस आदमी ने मुझ पर काम के मामले में भरोसा किया. उस आदमी ने मुझ पर भरोसा किया अपनी शिक्षा और अपने लोगों के संबंध में.
मां आनंद शीला आगे कहती हैं कि अगर मैं उस भरोसे पर खरी नहीं उतरती तो इसका मतलब होता कि मेरे प्यार में कुछ कमी है." उनके कुछ ज़ख़्म शायद अब भी हरे हैं. वह भरोसे पर बोलीं, वह अपने हाथों अपने उत्पीड़न पर बोलीं, "मैं हमारा शो देखने वाली सारी एशियाई महिलाओं से कहूंगी कि प्यार के नाम पर अपना उत्पीड़न, भावनात्मक उत्पीड़न न होने दें. अपने पैरों पर खड़े होने का साहस रखो, बहादुर बनो. (फोटो- getty images) इनपुट: BBC