Up Election 2022: मुस्लिम राष्ट्रीय मंच BJP के पक्ष में माहौल बनाने में जुटा, RSS ने शुरू की मुहिम

Up election: संघ से जुड़ी संस्था मुस्लिम राष्ट्रीय मंच उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के घर घर जाकर प्रचार करेगी और लोगों से बीजेपी को वोट देने की अपील करेगी.

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चुनाव से पहले मुस्लिमों को लुभाने की कोशिश (फाइल फोटो) चुनाव से पहले मुस्लिमों को लुभाने की कोशिश (फाइल फोटो)

कुमार अभिषेक

  • लखनऊ,
  • 15 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 4:33 PM IST
  • घर-घर जाएगा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच
  • बीजेपी के पक्ष में वोट करने की करेगा अपील

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले RSS से जुड़ा संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रहा है. राष्ट्रीय मुस्लिम मंच ने UP में डोर टू डोर जाकर बुकलेट के जरिये बीजेपी में प्रचार करना शुरू कर दिया है.

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कहा है कि बीजेपी के राज में मुसलमान 'सबसे सुरक्षित और खुश' हैं. एक पोस्टर जारी कर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कहा है कि मुस्लिम भाइयों और बहनों को वोट के सियासी और धार्मिक सौदागरों से सावधान रहना चाहिए. इस पोस्टर में मुसलमानों को नारा दिया गया है- चलो फिर मोदी योगी और भाजपा के साथ. 

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बता दें कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच मुस्लिमों के बीच काम करता है. संघ नेता इंद्रेश कुमार इस संगठन से जुड़े हैं. इस संगठन ने मुस्लिम महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने तीन तलाक कानून बनाकर मुस्लिम महिलाओं को आजादी दिलाई. संगठन कहता है कि मुसलमानों ने सबको आजमाया, लेकिन पिछड़ापन और धोखा खाया, अबकी बार भाजपा सरकार. 

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मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने मुसलमानों के कल्याण के लिए केंद्र और राज्यों में बीजेपी सरकारों द्वारा लागू की गई योजनाओं का जिक्र किया और कहा कि बीजेपी ही देश में मुसलमानों की सबसे बड़ी शुभचिंतक है. मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने 2014 से अल्पसंख्यक समुदायों के कल्याण के लिए नयी रोशनी, नया सवेरा, नयी उड़ान, सीखो और कमाओ, उस्ताद और नयी मंजिल जैसे रोजगारपरक योजनाएं शुरू की है. इससे मुसलमानों को रोजगार मिला है. 

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संगठन ने दावा किया कि कांग्रेस, सपा, बसपा जैसे विपक्षी दलों ने मुसलमानों को केवल अपना वोट बैंक माना है. इन पार्टियों को मुसलमानों ने वोट दिया है, लेकिन इनके शासन के दौरान मुसलमानों को गरीबी, अशिक्षा, पिछड़ापन और तीन तलाक जैसे कानून मिले. 


 

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