मंझधार में फंसी है VIP की नाव! मुकेश सहनी ने RJD में विलय के प्रस्ताव से किया इनकार

मुकेश सहनी के लिए आरजेडी ने विलय का प्रस्ताव देते हुए कुछ सीटों का भरोसा दिया था, लेकिन सहनी विलय के लिए तैयार नहीं हुए. माना जा रहा है कि महागठबंधन में सीट शेयरिंग के फॉर्मूला की घोषणा नहीं होने के पीछे एक बड़ी वजह मुकेश सहनी भी हैं.

Advertisement
वीआईपी पार्टी चीफ मुकेश सहनी (फाइल फोटो) वीआईपी पार्टी चीफ मुकेश सहनी (फाइल फोटो)

शशि भूषण कुमार

  • पटना,
  • 22 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 7:18 PM IST

बिहार की राजनीति में 'सन ऑफ मल्लाह' के नाम से मशहूर पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के राजनीतिक भविष्य पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है. एनडीए में सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय हो चुका है, लेकिन मुकेश सहनी की एंट्री बीजेपी वाले गठबंधन में नहीं हुई. अब महागठबंधन में भी मुकेश सहनी की एंट्री को लेकर पेच फंसा हुआ दिख रहा है. सूत्रों की मानें तो मुकेश सहनी के सामने आरजेडी ने विलय का प्रस्ताव रखा था, जिसे उन्होंने खारिज कर दिया है.

Advertisement

जानकार बता रहे हैं कि मुकेश सहनी के लिए आरजेडी ने विलय का प्रस्ताव देते हुए कुछ सीटों का भरोसा दिया था, लेकिन सहनी विलय के लिए तैयार नहीं हुए. माना जा रहा है कि महागठबंधन में सीट शेयरिंग के फॉर्मूला की घोषणा नहीं होने के पीछे एक बड़ी वजह मुकेश सहनी भी हैं. आरजेडी आधिकारिक ऐलान के पहले मुकेश सहनी पर फैसला लेना चाहती है. सूत्रों के मुताबिक आरजेडी मुकेश सहनी को मुजफ्फरपुर सीट इसी शर्त के साथ देने को तैयार है कि वे अपनी पार्टी का आरजेडी में विलय कर दें, लेकिन बात नहीं बनी.

उधर, वीआईपी से मिली जानकारी के मुताबिक निषाद आरक्षण बातचीत फाइनल होने की पहली और आखिरी शर्त है. मुकेश सहनी का कहना है कि देश के कुछ भागों में मछुआरों, बंजारों, बांसफोड़, खटवे जैसे व्यावसायिक समुदाय अभी भी छुआछूत के कलंक से पीड़ित हैं. उन्हें आयोग द्वारा अन्य पिछड़े वर्गों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, लेकिन उनको अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने के बारे में सरकार द्वारा विचार किया जाना चाहिए. 

Advertisement

वीआईपी की मांग है कि मंडल आयोग ने भी मछुआरा/निषाद समुदाय को अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने के लिए सिफारिश की है, इसलिए उन्हें इस दायरे में लाना चाहिए. निषाद आरक्षण के अलावा वीआईपी का दावा मुजफ्फरपुर, वैशाली, खगड़िया और कटिहार के साथ-साथ झारखंड की एक लोकसभा सीट पर भी है. सूत्रों की मानें तो कटिहार सीट पर पेच फंसा है, क्योंकि कटिहार सीट पर राजद और कांग्रेस का भी दावा है. वहीं मुजफ्फरपुर सीट पर आरजेडी को कांग्रेस के साथ बातचीत कर रास्ता निकालना होगा. 

इस पूरे मामले पर ना तो आरजेडी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया आ रही है और ना ही मुकेश सहनी खुद मीडिया से बात कर रहे हैं. वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा है कि जल्द ही सीटों को लेकर अंतिम फैसला हो जाएगा. महागठबंधन से बातचीत अंतिम दौर में है और बिहार की 4 सीटों के अलावा झारखंड की एक सीट के फॉर्मूले पर मुहर लगने की उम्मीद है. 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement